सुरक्षा के लिहाज से भारतीय सेना अब चीन (China) से सटी सीमाओं पर और मजबूत कवच तैयार करने जा रही है। चीन से तनाव के बीच भारत हर तरह से एलएसी (LAC) तक जाने रास्ता सुगम करने में लगा है। सेना प्रमुख कई बार कह चुके हैं कि भारतीय सेना (Indian Army) हर तरह की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। वहीं हर मौसम में लद्दाख के लिए रास्ता आसान करने के लिए सरकार ने हिमाचल प्रदेश (HP) से लद्दाख को जोड़ने वाली सुरंग को भी मंजूरी दे दी है। यह टनल 4.1 किलोमीटर लंबी होगी।
16500 फीट की ऊंचाई पर मनाली-दारचा-पदम-नीमू एक्सिस पर हथियार और सेना के वाहन ले जाने में आसानी होगी। यह जगह पाकिस्तान और चीन की पहुंच से दूर है ऐसे में आवागमन बिना किसी खतरे के हो सकेगा। इस सुरंग के रास्ते फॉरवर्ड एरिया में सेना आसानी से भेजी जा सकेगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया, बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन इस सुरंग का निर्माण 1681.5 करोड़ की लागत से करेगा। इसका काम दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने इस योजना को 2021 में ही मंजूरी दे दी थी। हालांकि बीआरओ और नेशनल हाइवे ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच चल रही खींचतान की वजह से काम नहीं शुरू हो पाया। बीआरओ छोटी टनल बनाना चाहता था वहीं एनएचआईडीसीएल 13 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का प्रस्ताव रख चुका था।
सूत्रों का कहा है कि छोटी टनल बनाने की पीछे वजह यह भी है कि यह जल्दी पूरी हो जाएगी। चीन के साथ बढ़ते तनाव और चुनौतियों को देखते हुए टनल की जरूरत जल्दी है। किसी भी स्थिति में मिसाइल, टैंक, फ्यूल, राशन और हथियारों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सुरंग आवश्यक है। वहीं बर्फबारी के वक्त भी सुरंग के रास्ते से आसानी से फॉरवर्ड एरिया में जाया जा सकेगा।