चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे तनाव के बीच भारत ने सीमा पर सुरक्षाबलों की पर्याप्त तैनाती की है। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने गुरुवार को कहा कि राफेल विमानों के आने से चीनी खेमे की चिंता बढ़ गई है। चीन ने जैसे ही भारतीय क्षेत्र के करीब J-20 फाइटर जेट्स को तैनात किया था, वैसे ही भारत ने भी फ्रांसीसी मूल के जेट विमानों को तैनात किया है।
आइएएफ प्रमुख ने कहा कि वर्तमान में भारत और चीन के बीच बातचीत चल रही है। जितनी फोर्स की जरूरत है हमने तैनाती की है। हमारी तरफ से बातचीत पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। अगर कोई नई स्थिति पैदा होती है तो हम उसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या राफेल विमान चीन के लिए चिंता पैदा की है, वयुसेना प्रमुख ने कहा कि निश्चित रूप से यह चीन को परेशान करने वाला है। चीन पूर्वी लद्दाख के करीब के क्षेत्रों में अपना जे- 20 लड़ाकू विमान लेकर आया, लेकिन जब हम इस क्षेत्र में राफेल लेकर आए तो वह पीछे चले गए। हम उनके कार्यों और क्षमताओं को अच्छे से जानते हैं।
उन्होंने कहा कि पूंजीगत खर्च में 20,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी सरकार का बड़ा कदम है। पिछले साल भी 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराए गए थे। इससे तीनों सेनाओं को मदद मिली। मुझे लगता है कि यह हमारी क्षमता निर्माण के लिए पर्याप्त है।
नए हथियार प्रणालियों के अधिग्रहण के लिए सुरबलों को पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। आपातकालीन और अन्य प्रावधानों के तहत हथियार और अन्य पुर्जों को खरीदने पर अतिरिक्त 20,776 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। इस धन का उपयोग स्पाइस -2000 बम, स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, असॉल्ट राइफलें, टैंक और फाइटर जेट्स के लिए गोला बारूद बनाने के लिए किया गया है।
2021-22 के केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को 4,78,195.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रक्षा पेंशन के लिए 1.15 लाख करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं जो सैन्य और नागरिक दोनों को दिया जाएगा, जिन्होंने रक्षा मंत्रालय के तहत काम किया है।