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चीन को करवानी पड़ी ‘फर्जी’ बरसात, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी समारोह में किसी तरह के खलल से बचने के लिए चीन ने एक बार फिर क्लाउड सीडिंग की मदद से मौसम को नियंत्रित करने की कोशिश की। बीजिंग स्थित एक यूनिवर्सिटी ने अपनी स्टडी में इसका खुलासा किया है। इसी साल 1 जुलाई को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अपना शताब्दी समारोह मनाया था, जिसके तहत तियानमेन स्क्वॉयर पर हजारों-लाखों की भीड़ जुटी थी। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि हाल ही में शिंगुआ यूनिवर्सिटी के एक शोध से साफ संकेत मिलते हैं कि शताब्दी समारोह से एक दिन पहले हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया था।

अध्ययन के मुताबिक, शताब्दी समारोह में अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान अचानक वायु प्रदूषक तत्वों में बढ़ोतरी देखी गई और आसमान प्रदूषण की परत से लिपट गया, तो वहीं गर्मी भी रिकॉर्ड स्तर पर थी। समारोह से कुछ दिन पहले ही फैक्ट्री और अन्य प्रदूषक गतिविधियां रोक दी गई थीं लेकिन कम वायु प्रवाह का मतलब था कि प्रदूषण खत्म नहीं हुआ था। पर्यावरण विज्ञान प्रोफेसर वांग कैन की अगुवाई में शोधकर्ताओं ने कहा कि कृत्रिम बारिश से PM2.5 वायु प्रदूषकों का स्तर दो तिहाई से भी ज्यादा गिर गया और एयर क्वॉलिटी इंडेक्स भी विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए पैमाने पर ‘मॉडरेट’ श्रेणी से सुधरकर ‘गुड’ पर पहुंच गया था। क्लाउड सीडिंग के तहत हम वायुमंडल में हेलीकॉप्टर या विमानों के जरिये कुछ रसायन जैसे कि सिल्वर आयोडाइड, पोटैशियम आयोडाइड और ड्राई आईस के कणों का छिड़काव करते हैं। ये कण हवा में मौजूद पानी के वाष्प को आकर्षित करके बादल बनाते हैं जिससे बारिश होती है।