Nikkei Asia ने शुक्रवार को बताया कि पहली बार, भारत ने पिछले साल ऑटो सेल में Japan को पीछे छोड़ दिया और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार (India becomes World’s 3rd largest Auto Market) बन गया. देश में नए वाहनों की कुल बिक्री कम से कम 4.25 मिलियन यूनिट रही, जो जापान में बेची गई 4.2 मिलियन यूनिट से अधिक है.
Society of Indian Automobile Manufacturers के अनुसार, भारत में जनवरी और नवंबर 2022 के बीच कुल 4.13 मिलियन नए वाहनों की डिलीवरी हुई. उम्मीद की जा रही है कि कमर्शियल वाहनों के लिए लंबित चौथी तिमाही के बिक्री के आंकड़ों को शामिल करने के साथ-साथ टाटा मोटर्स और अन्य वाहन निर्माताओं द्वारा जारी किए जाने वाले साल के अंत के परिणामों के साथ भारत की बिक्री की मात्रा में और वृद्धि होगी.
2018 से 2021 तक के आंकड़ें
चीन ने 2021 में 26.27 मिलियन वाहनों की बिक्री के साथ ग्लोबल आॅटो मार्केट में सबसे आगे रहा. 15.4 मिलियन वाहनों के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर रहा, उसके बाद जापान 4.44 मिलियन यूनिट्स के साथ रहा. 2018 में, भारत में लगभग 4.4 मिलियन वाहन बेचे गए, लेकिन 2019 में वॉल्यूम 4 मिलियन से कम हो गया, मुख्य रूप से उस वर्ष नॉन-बैंकिंग सेक्टर में क्रेडिट संकट के कारण आंकड़ें कम देखने को मिले थे. कोविड से जुड़े लॉकडाउन के कारण यह 2020 में 3 मिलियन से नीचे गिर गया. हालांकि, 2021 में बिक्री 4 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई, लेकिन ऑटोमोटिव चिप्स की कमी की वजह से इसमें और तेजी नहीं दिख सकी.
2022 में चिप संकट में देखने को मिली कमी
निक्केई एशिया ने कहा कि पिछले साल भारत में बिकने वाले अधिकांश नए ऑटो में हाइब्रिड वाहनों सहित गैसोलीन द्वारा संचालित वाहन शामिल थे, जिसमें कहा गया था कि इलेक्ट्रिक वाहनों की उपस्थिति शायद ही हो. निक्केई एशिया ने कहा कि 2022 में ऑटोमोटिव चिप संकट में कमी आने से रिकवरी को स्प्रिंगबोर्ड दिया. मारुति सुजुकी के साथ, टाटा मोटर्स और अन्य भारतीय वाहन निर्माताओं ने पिछले वर्ष के दौरान बिक्री में वृद्धि देखी. भारत अब 1.4 अरब लोगों का घर है, और इसकी आबादी इस साल कुछ समय में चीन से आगे निकल जाने और 2060 के दशक की शुरुआत तक बढ़ने की उम्मीद है. आमदनी भी बढ़ रही है.