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चश्मदीद का सच : कार के काफिले ने किसानों को 200 मीटर तक रौंदा, फिर ऐसे हुई फायरिंग

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसक झड़प के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। रविवार को लखीमपुर खीरी में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को एक कार्यक्रम में शामिल होना था। कार्यक्रम से पहले बवाल हो गया। इस हिंसा में नौ लोगों की मौत हुई है। घटना के फौरन बाद इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया। इस मामले में अजय मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ तिकोनिया थाने में एफआईआर दर्ज हुई है। आशीष पर आरोप है कि जिस समय किसान प्रदर्शन करने गए थे। उसी वक्त उनके काफिले की गाड़ी ने किसानों को रौंद दिया। कार से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद हिंसा में चार अन्य और एक पत्रकार जान चली गई।

आशीष मिश्रा ने आरोपों से किया इनकार

केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष ने भी कार से किसानों के कुचलने के अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि मैं कार्यक्रम के अंत तक सुबह 9 बजे से बनवारीपुर में था। मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और मैं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी 3 गाड़ियां एक कार्यक्रम के लिए उप-मुख्यमंत्री की अगवानी करने गई थीं। रास्ते में कुछ बदमाशों ने पथराव किया, कारों में आग लगा दी और हमारे 3-4 कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा।

रामपुर के घायल चश्मदीद ने बताई दर्द की कहानी

लखीमपुर में घटी घटना में दो किसान रामपुर के भी घायल हुए हैं जिसमें से एक किसान गुरजीत सिंह की टांग टूट गयी और कई चोटें आई हैं। किसान तराई संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजेंदर सिंह विर्क भी घायल हुए हैं, उनको रुद्रपुर के अस्पताल से दिल्ली मेदांता में रेफर किया गया है।

हिंसा में घायल किसान गुरजीत सिंह

गुरजीत सिंह कोटिया ने बताया कि हमने हेलीपैड पर पूरा कब्जा जमा लिया था। हेलीकॉप्टर तो उतर नहीं पाया उनका और डिप्टी सीएम दौरे पर आए या नहीं आए इस बात का हमें नहीं पता। हमारे लिए उन्होंने काफिला भेजा जो हमें रौंदता हुआ चला गया। काफिले ने हमें 200 मीटर तक रौंदा। गुरजीत ने कहा कि वह काफिला अजय मिश्रा टेनी का काफिला था। वह हमें रौंदता हुआ चला गया। आशीष ने किसानों को रौंद दिया। काफी किसान शहीद हुए हैं। उनके काफिले में तीन-चार गाड़ियां थीं और उन्होंने हमारे तराई सिंह संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उनकी टीम पर ही ज्यादा हमला बोलते हुए उनको ही टारगेट बनाते हुए हम पर हमला बोल दिया।

पिता की मौत के बाद बताया सच

दलजीत सिंह की भी कार से कुचल मौत हो गयी है। दलजीत सिंह के बेटे राजदीप ने लखीमपुर की घटना के बारे में कई बातें बताईं। वह अपने पिता के साथ रविवार को तिकुनिया में हो रहे प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गया था। उसके मुताबिक बहराइच के नानपारा से 20-30 लोग मोटरसाइकिल से प्रदर्शन में शामिल होने गए थे। राजदीप ने बताया कि जब किसान वहां थे उसी दौरान तीन गाड़ियां आईं और उसके पिता समेत कई किसानों को कुचल दिया। वहां एंबुलेंस न होने पर वो मोटरसाइकिल लेने गया तब तक एंबुलेंस आ गई थी। रास्ते में उसके पिता की मौत हो गई। उसने बताया कि मंत्री का बेटा गाड़ियां लेकर आया था। उसी ने सभी को कुचल दिया वहीं उसकी फायरिंग से किसान की मौत हुई है। 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई घटना में बहराइच के दो किसानों की मौत के बाद उनके घरों में मातम पसरा है. जहां गुरविंदर सिंह के घर पर उनके चचेरे भाई व उनकी मौसी समेत पूरे परिवार के लोगों ने घटना के लिए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की।

हिंसा में मारे गये लोग

1- रमन कश्यप ( स्थानीय पत्रकार)
2- दलजीत सिंह (32) पुत्र हरजीत सिंह- नापपारा, बहराइच (किसान)
3- गुरविंदर सिंह (20) पुत्र सत्यवीर सिंह- नानपारा, बहराइच (किसान)
4- लवप्रीत सिंह (20) पुत्र सतनाम सिंह- चौखडा फार्म मझगईं (किसान)
5- छत्र सिंह पुत्र अज्ञात (किसान)
6- शुभम मिश्र पुत्र विजय कुमार मिश्र, शिवपुरी (बीजेपी नेता)
7- हरिओम मिश्र पुत्र परसेहरा, फरधान (अजय मिश्रा का ड्राइवर)
8- श्यामसुंदर पुत्र बालक राम सिंघहा, कलां सिंगाही (बीजेपी कार्यकर्ता)