कोरोना संक्रमण ने रिश्ते और सामाजिक दायित्व पर प्रहार किया है। यही कारण है कि मौत होने पर अपने भी मुंह मोड़ने लगे हैं। ऐसा ही हाईकोर्ट में सीनियर वकील रह चुकीं सुजाता मुखर्जी के साथ हुआ। उनकी मौत कोरोना की वजह से हो गई है। उनका पूरा परिवार पटना से बाहर रहता है। मौत के बाद कोई भी मुखाग्नि देने वाला सामने नहीं आया। इस परिस्थिति में गोद ली हुई बेटी गुड़िया ने सुजाता मुखर्जी को मुखाग्नि दी।
सोमवार को राजधानी पटना के गुलबी घाट पर पूरे नियम के साथ गुड़िया ने सुजाता मुखर्जी के शव को मुखाग्नि दी। गुड़िया ने बताया कि जिस मां ने मुझे पढ़ाया-लिखाया, ऐसे वक्त में मैं ही उनकी बेटी हूं और बेटी के होने के नाते मैंने अपना कर्त्तव्य निभाया। 22 अप्रैल से वह रूबन अस्पताल में भर्ती थीं। उनकी किडनी फेल हो चुकी थी। कोरोना संक्रमण के कारण उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद मां वैष्णोदेवी सेवा संस्थान ने शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस से लेकर मुखाग्नि की पूरी व्यवस्था की है।