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गुजरात के 11 जिलों में रेड अलर्ट जारी, लोगों के घरों में 10-12 फीट भरा पानी, 26 लोगों की मौत

बारिश और बाढ़ के कारण गुजरात में 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसकी वजह से निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। जिस कारण पिछले तीन दिनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। ये मौतें राजकोट, आणंद, महिसागर, खेड़ा, अहमदाबाद, मोरबी, जूनागढ़ और भरूच जिलों से हुई हैं।

वहीं, 40 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। 17000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वडोदरा में स्थिति चिंताजनक है। यहां के कुछ इलाके 10 से 12 फीट पानी में डूबे हुए हैं। राज्य सरकार की तरफ से राहत और बचाव कार्य जारी है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में NDRF-SDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। मौसम विभाग ने गुजरात के 11 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट और 22 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में आज भी यानी गुरुवार को भी भारी बारिश की संभावना जताई गई है। IMD ने जिन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, उनमें कच्छ, द्वारका, जामनगर, मोरबी, सुरेंद्रनगर, जूनागढ़, राजकोट, बोटाद, गिरसोमनाथ, अमरेली और भावनगर शामिल हैं। वहीं, नॉर्थ गुजरात, साउथ गुजरात और सेंट्रल गुजरात में येलो अलर्ट जारी किया गया है।

देवभूमि द्वारका जिले के भानवद में 185 मिलीमीटर बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है। सौराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में आज भी भारी बारिश के आसार हैं। वडोदरा में भारी बारिश के कारण इलाकों में जलजमाव हो गया और सड़कें इमारतें और वाहन पानी में डूब गए। मोरबी में एक पुल को पार करते समय एक ट्रैक्टर ट्रॉली बह गया। उसमें सवार लोग लोग लापता हो गए. बाद में उनके शव बरामद किए गए।

PM मोदी ने लिया बाढ़ की स्थिति का जायजा
गुजरात में हाहाकारी बाढ़ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातचीत करके स्थिति का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सीएम पटेल ने लोगों को बचाने के लिए सेनी कई टीमें तैनात की हैं। लोगों का लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है।