सनातन धर्म में प्रभु श्री गणेश की पूजा सबसे प्रथम देव के तौर पर होती है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पूर्व प्रभु श्री गणेश जी की पूजा अर्चना होती है। प्रथा है कि बप्पा अपने श्रद्धालुओं के सभी दुखों के दूर करते हैं इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता बोला जाता है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन करना निषेध माना गया है। वही इस बार 10 सितंबर 2021 को प्रभु श्री गणेश विराजेंगे तथा 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन विदाई दी जाएगी। इन 10 दिनों तक गणेश जी की उपासना की जाती है।
इन 10 दिनों तक इन बातों का रखे ध्यान:-
1- प्रभु श्री गणेश की पूजा के वक़्त लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है। गणपति की आराधना करने से रिद्धि और सिद्धि और सुख- शांति मिलती है। गणेश चतुर्थी की पूजा करने के लिए नीले तथा काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
2- प्रभु श्री गणेश की बैठी हुई मुद्रा में मूर्ति स्थापित करना शुभ होता है। प्रभु श्री गणेश को स्थापित करने से पहले रोली, कुमकुम से स्वास्तिक बनाना चाहिए।
3- प्रभु श्री गणेश की पीठ में दरिद्रता का वास माना जाता है। इसलिए मूर्ति स्थापित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनकी पीठ के दर्शन न हो।
4- प्रभु श्री गणेश की प्रतिमा खरीदते वक़्त ध्यान रखें कि उवकी सूड़ दाएं ओर मूड़ी होनी चाहिए। ऐसा करने से धन तथा वैभव की प्राप्ति होती है।
5- प्रभु श्री गणेश की पूजा में तुलसी का उपयोग वर्जित माना गया है। दरअसल तुलसी ने प्रभु श्री गणेश की शादी का प्रस्ताव दिया था जिससे खफा होकर प्रभु श्री गणेश ने उन्हें श्राप दिया था।
6- घर में दो प्रतिमाओं की पूजा नहीं करनी चाहिए। गणेश पूजा में नई प्रतिमा की पूजा करें तथा दूसरी प्रतिमा का विसजर्न कर दें। इसके अतिरिक्त अंधेरे में प्रभु श्री गणेश के दर्शन करना अशुभ माना जाता है।
7- गणेश पर्व के 10 दिनों तक सात्विक भोजन करना चाहिए। इस के चलते प्याज, लहसुन तथा मांस मछली का सेवन नहीं करना चाहिए।