गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है. ये उत्सव 10 सितंबर से 19 सितंबर 2021 यानी अनंत चतुर्दशी तक चलेगा. इन 10 दिनों तक गणपति की पूजा अर्चना होती है. ये त्योहार पूरे धूम-धाम से मनाया जाता है. हर कोई अपनी श्रद्धा अनुसार गणेशजी की पूजा अर्चना करता है. बप्पा को लाल और पीला रंग बहुत पसंद है.
भगवान गणेश की सुबह स्नान करने के बाद विधि- विधान से पूजा- अर्चना करें. पूजा में भगवान गणेश को उनके मनपसंद फूल और दूर्वा अर्पित करें. ऐसा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि किन चीजों का नहीं चढ़ाना चाहिए. शास्त्रों में भी कहा गया कि जिस भगवान की पूजा करें उनकी प्रिय चीजों को अर्पित करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. आइए जानते हैं भगवान गणेश को कौन से फूल चढ़ाने चाहिए और कौन से नहीं.
केतकी के फूल
केतकी के फूल भगवान गणेश को नहीं चढ़ाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव को केतकी के फूल अप्रिय होते हैं. इसलिए गणेश जी को भी अर्पित नहीं करना चाहिए.
तुलसी दल
शास्त्रों और पुराणों में कहा गया है कि न तुलस्या गणाधिपम्. इसका अर्थ है कि भगवान गणेश पर तुलसी के दल को अर्पित नहीं करना चाहिए. एक बार तुलसी जी ने भगवान गणेश को लंबोदर कहकर उनसे विवाह करने से इंकार कर दिया था. तब गणेश जी ने तुलसी को श्राप दे दिया था और इसके बाद से तुलसी को चढ़ाना वर्जित माना गया है.
सूखे बासी फूल
गणेश जी को पूजा में सूखे और बासी फूलों को नहीं चढ़ाना चाहिए. उनकी पूजा में सूखे फूल चढ़ाना अशुभ माना जाता है और मान्यता है कि इससे घर में दरिद्रता आती है.
गुड़हल के फूल
गणेशजी को गुड़हल के लाल और पीले फूल बहुत प्रिय है. इसलिए इन फूलों को अर्पित करने से गणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपनी भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं.
गेंदे का फूल
गणेश जी को मुख्य रूप से गेंदे के फूल चढ़ाना चाहिए. ये फूल गणेश जी को बहुत प्रिय है. इन फूलों को पूजा में अर्पित करने से आपकी सभी मनोकामनाएं जल्द पूरी होती है.