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गजब : रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा -अब बूढ़े भी हो जायेंगे जवान, जानिए कैसे

 अगर आप शुद्ध ऑक्सीजन में सांस ले रहे हैं तो आपकी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को उलटा किया जा सकता है, यानि आप बूढ़े से जवान होने लगते हैं। जी हां ऐसा एक अध्यन में दावा किया गया है। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों को प्रेशर से भरे ऑक्सीजन के कमरों में रखा गया था, उनमें कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।

इस रिसर्च में सबसे पहली बात सामने आई कि शुद्ध ऑक्सीजन के कारण इसांनों के शरीर में टेलोमेर में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखने को मिली है। टेलोमेर इंसानों के अंदर मौजूद क्रोमोसॉम को प्रोटेक्ट करता है जिसके कारण एज रिवर्सल की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। टेलोमेरेस स्वाभाविक रूप से उम्र के साथ छोटा हो जाता है, जिससे कैंसर, अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारियां होती हैं।

एजिंग जनर्ल में प्रकाशित शोध के अनुसार, जिन लोगों के इस प्रयोग में हिस्सा लिया था उसने शरीर में टेलोमेरेस दोबारा से बढ़ गया और जैसा किसी 25 साल के युवा में टेलोमेरेस का आकार होता है, ये वैसा हो गया। अध्ययन में यह भी पाया गया कि सेनेसेट सेल में करीब 37 प्रतिशत की गिरावट आई, यानि वो 37 प्रतिशत कम हो गए। सेनेसेट सेल की कमी को इंसान के उम्र के बढ़ने से भी जोड़कर देखा जाता है। तथाकथित ज़ोंबी कोशिकाओं को हटाने से जीवन का विस्तार हो सकता है।

तेल अवीव विश्वविद्यालय में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर शैई एफरैटी ने कहा कि चूंकि टेलोमेयर की कमी को उम्र बढ़ने के जीव विज्ञान का’ पवित्र कंठ ‘माना जाता है, इसलिए टेलोमेयर को बढ़ाने में सक्षम, की उम्मीद में कई औषधीय और पर्यावरणीय हस्तक्षेपों का पता लगाया जा रहा है।

इस शोध के दौरान 64 साल के 35 स्वस्थ लोगों और 100 से अधिक बुजुर्गों ने हिस्सा लिया था। इस दौरान इन लोगों को दबाव वाले कमरों में बैठकर मास्क के माध्यम से 100 प्रतिशत ऑक्सीजन दी गई थी। यह सत्र 90 मिनट तक चलता था। यह प्रक्रिया सप्ताह में पांच दिन होती और पूरी स्टडी तीन महीने तक चली है। इससे पहले हुए अध्ययनों से यह पता चला है कि स्वस्थ भोजन और उच्च-तीव्रता वाला व्यायाम भी टेलोमेयर की लंबाई को संरक्षित कर सकता है।

इस स्टडी के रिसर्चर डॉ आमिर ने कहा कि अब तक लाइफस्टायल में कुछ बदलाव और काफी हार्ड एक्सरसाइज के चलते ये फायदा देखने को मिला था लेकिन शुद्ध ऑक्सीजन की इस प्रक्रिया के सहारे सिर्फ तीन महीने की थेरेपी में हम टेलोमेर की लंबाई को काफी ज्यादा बढ़ाने में कामयाब रहे जो काफी आश्चर्यजनक बात है।