उत्तराखंड़ः हिमालय दिखने में जितना सुंदर है उससे कहीं ज्यादा उसकी कहानियां भी हैं। हिमालय कई रहस्यों से भरा पड़ा है। इसके अंदर कई खौफनाक राज छिपे हैं। यहां चोरों तरफ से बर्फ से ढंकी हुई झील देख सभी चकित रह जाते हैं। एक ऐसी ही झील उत्तराखंड राज्य में भी है। इसकी कहानी उतनी ही खौफनाक है जितना की यह हिमालय दिखने में खूबसूरत है।
क्या है इस कंकालों से भरी झील की कहानीः
वैसे तो इस तरह की कई कहानियां है। एक ऐसी ही कहानी है एक राजा और रानी की। इस झील के पास ही नंदा देवी का मंदिर भी है। आपको बता दें कि नंदा देवी पहाड़ों के बीच में हैं।
ऐसा कहा जाता है कि उनके दर्शन के लिए एक राजा और रानी ने पहाड़ चढ़ने का फैसला किया, लेकिन वो अकेले नहीं गए। अपने साथ नौकर-चाकर को भी ले गए। इन लोग रास्ते भर धमा-चौकड़ी मचाई। ये देख देवी गुस्सा हो गईं। उनका क्रोध बिजली बनकर उन सभी पर गिरा और वे वहीं मौत के आगोश में समा गये।
मानव कंकालों का भयानक राजः
समुद्र से हज़ारों फीट की ऊंचाई पर चारों ओर ग्लैशियर और पहाड़ों से घिरी रूपकुंड झील अपनी ख़ूबसूरती से मन मोह लेने वाली कुदरत की गोद में यह भयानक राज़ समेटे हुए है। यहां चारों तरफ सिर्फ़ कंकाल ही कंकाल दिखायी पड़ते हैं। यही कारण है कि इस रहस्मयी झील को मौत की झील कहा जाता है। कहते हैं, रात के अंधेरे में यहां जाने वाले कभी लौट कर नहीं आते।
रिसर्च में सामने आई नई बातः
रूपकुंड झील से जुड़े वो सवाल हैं, जिनका जवाब पिछले अस्सी सालों से तलाशा जा रहा है। लेकिन किसी ने भी कंकाल झील की इस पहेली को सुलझा नहीं पाया। आज तक किसी को मालूम नहीं चला कि उत्तराखंड के चमोली में मौजूद मौत की इस झील का आखिर सच क्या है। बर्फ़ पिघलते ही जो रुह कंपा देने वाला मंज़र यहां दिखाई देता है उसके पीछे का राज़ हमेशा से राज़ ही बना हुआ है। फिलहाल अभी तक इस पर कोई रिसर्च सामने नहीं आई है।