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कोरोना वैक्सीन की कमी से सीरम इंस्टीट्यूट ने केंद्र को ठहराया जिम्मेदार, बोले- ‘सरकार ने WHO की गाइडलाइंस को ध्यान नहीं दिया’

देश में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की किल्लत का सारा ठीकरा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने केंद्र सरकार (Central Government) के सिर फोड़ दिया है. देश के कई हिस्सों में वैक्सीन की भारी कमी की खबरों के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव (Suresh Jadhav) ने बड़ा बयान दिया है. देश में कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड (Covishield Vaccine) का उत्पादन कर रही कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने वैक्सीन की किल्लत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. हेल्थ एडवोकेसी प्लेटफार्म की तरफ से आयोजित वर्चुअल सेमिनार में जाधव ने कहा कि देश को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के निर्देशों का पालन करना चाहिए और उसके हिसाब से ही वैक्सीनेशन की प्राथमिकता तय करनी चाहिए.

WHO की गाइडलाइंस का नहीं रखा ध्यान

उन्होंने कहा कि सरकार ने वैक्सीनेशन ड्राइव को बढ़ाने के दौरान वैक्सीन के अवेलेबल स्टॉक और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की गाइडलाइंस को ध्यान में नहीं रखा. उन्होंने कहा कि शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जानी थी, जिसके लिए 60 करोड़ डोज की जरूरत थी. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘गावी-द वैक्सीन एलायंस’ ने जॉनसन एंड जॉनसन के कोरोना वैक्सीन की 20 करोड़ डोज खरीदने के लिए एक समझौता किया है. इससे गरीब देशों को वैक्सीन वितरित करने में संयुक्त राष्ट्र की पहल को बढ़ावा मिलेगा.

कनाडा को मिली ‘एस्ट्राजेनेका’ की 6 लाख डोज

इस हफ्ते की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र की ‘कोवैक्स’ को बड़ा झटका लगा था क्योंकि वैक्सीन की सप्लाई करने वाली सबसे बड़ी कंपनी ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ने कहा था कि भारतीय उपमहाद्वीप में महामारी की खौफनाक स्थिति से निपटने के मद्देनजर वह साल के अंत तक वैक्सीन की सप्लाई नहीं कर पाएगी. ‘गावी’ ने कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन की 20 करोड़ डोज गरीब देशों के साथ उन अमीर देशों को भी मिलेगी जिन्होंने ‘कोवैक्स’ पहल में अतिरिक्त वैक्सीन मुहैया कराने की गारंटी दी है. इस महीने कनाडा को ‘कोवैक्स’ पहल के जरिए एस्ट्राजेनेका की 6,00,000 डोज मिली थी.