कोरोना का कहर के बीच वैक्सीनेशन ही जीवन बचा सकता है। देश में कोविड वैक्सीनेशन ड्राइव () की रफ्तार का लगातार कम होना चिंता बढ़ाने वाला हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वैक्सीन ही जीवन रक्षक है यदि लोगों का समय पर वैक्सीनेषन नहीं होगा तो जीवन संकट में पड़ जायेगा। इस बीच वैक्सीन की कमी होने के कारण वैक्सीनेशन काफी धीमा हो गया है। इसी सप्ताह सोमवार से गुरुवार तक लगातार चैथे दिन में 15 लाख से भी कम वैक्सीन की डोज लोगों को लगाई गईं। ज्ञात हो कि सोमवार को लगभग 13 लाख डोज, मंगलवार को करीब 12 लाख डोज, बुधवार को 11.66 लाख डोज, गुरुवार को 14.82 लाख डोज और शुक्रवार को 15.58 लाख डोज लोगों को दी गईं। 15 मई से 21 मई तक एक हफ्ते में वैक्सीन की 78 लाख डोज ही लगाई गईं। इससे पहले एक हफ्ते में 1 करोड़ 28 लाख वैक्सीन की डोज दी गई थीं। उसके पिछले सप्ताह भी करीब 1 करोड़ 21 लाख वैक्सीन की डोज लोगों को लगाई गई थीं। 3 अप्रैल से 9 अप्रैल तक सबसे ज्यादा 2 करोड़ 47 लाख वैक्सीन लोगों को लगी थीं। उस दौरान वैक्सीनेषन की गति बहुत अच्छी थी।
इन राज्यों में 1 करोड़ से ज्यादा ल वैक्सीनेशन
ज्ञात हो कि 21 मई तक भारत में 19 करोड़ 33 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इनमें से 15 करोड़ 5 लाख को वैक्सीन की पहली डोज और 4 करोड़ 28 लाख लोगों को दूसरी डोज दी गई। अभी देश में केवल 6 राज्य ऐसे हैं, जहां 1 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल शामिल ऐसे राज्य हैं जहां एक करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 2 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन अभी तक लगाई गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का कर रहे यह दावा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दावा किया है कि साल 2021 के आखिर तक देश के सभी वयस्क लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी। भारत जुलाई तक 51 करोड़ वैक्सीन की डोज खरीदेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देशभर में वैक्सीन उपलब्ध करवाने के लिए वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने को प्रोत्साहन दे रही है। इस साल के आखिर तक देश अपने सभी वयस्कों को वैक्सीन लगाने में सक्षम होगा।