केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसान संगठनो को आठ महीने के क़रीब हो गया है। इतने महीनों के बाद भी सरकार और किसान संगठनों के बीच बात नहीं बन पायी है। किसान संगठन जहां एक तरफ इस बात की मांग कर रहे है कि सरकार तुरंत इन तीन कृषि कानूनों को वापस ले। वहीं दुसरी तरफ सरकार किसानों से बैठकर बात करने की पेशकश कर रही है।
अपनी मांगो को मनवाने और कृषि कानूनों का विरोध करते हुए आज किसान संगठन दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने इसे ‘किसान संसद’ का नाम दिया है। किसानों के इस कदम के बाद से देखते हुए सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुरे इसलके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
200 किसानों का समूह करेगा जंतर मंतर पे प्रदर्शन
कृषि कानून का विरोध करने के लिए किसानों ने जिस ‘किसान संसद’ का आयोजन जंतर मंतर पे करेंगे। पुलिस के अनुसार 200 किसानों का एक समूह भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर आएगा। किसान वहां पे सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन को देखते हुए किसान यूनियनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा को इस बारे में एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड नियमों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।
प्रदर्शन करते हुए कोरोना नियमों का करना होगा पालन
जंतर मंतर पे हो रहे किसान प्रदर्शन को दिल्ली पुलिस से किसी भी प्रकार की कोई लिखित इजाजत नहीं दी गयी है। लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने किसानों को धरना-प्रदर्शन की औपचारिक इजाजत दे दी है। दिल्ली सरकार के द्वारा दिए गए आदेश के मुताबिक आज से लेकर 9 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक 200 प्रदर्शनकारी धरना दे सकते हैं। धरने में शामिल सभी किसानों को कोरोना नियमों का पालन करना होगा।