रिर्पोट :-गौरव सिंघल,वरिष्ठ संवाददाता,सहारनपुर मंडल।
सहारनपुर (दैनिक संवाद ब्यूरो)। किसान उन्नत खेती की विधि अपनाकर तथा सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते है। सरकार द्वारा संचालित समूह गठन कर अनुदानित योजनाओं का भी लाभ उठाने के लिए समूहों का गठन करें। पूर्व चैयरमैन श्री विक्रम सिंह आज विकासखण्ड पुंवारका की किसान सेवा सहकारी समिति लखनौती कला में कृषि सूचना तन्त्र के सुदृढीकरण एव कृषक जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषि निवेश मेले एंव किसान गोष्ठी के आयोजन में किसानों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होने कहा कि कृषि विभाग द्वारा चलायी जा रही लाभदायक योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर किसान उन्नत खेती के साथ-साथ अपने आर्थिक लाभ को भी बढावा दे सकते है। संयुक्त कृषि निदेशक डी0एस0राजपूत ने कृषकों को विस्तार से जानकारी देते हुए फसल अवशेष न जलाने की सलाह दी। उन्होने बताया कि स्वस्थ मृदा में 0.8 से 01 प्रतिशत जीवांश पदार्थ होने चाहिए जबकि वर्तमान में 0.2 से 0.3 प्रतिशत ही है। फसल अवशेष जलाने से जहां वातावरण प्रदूषित होता है वहीं मृदा में उपस्थित लाभदायक जीवाणु भी नष्ट हो जाते है। उन्होने कहा कि वेस्ट डी कम्पोजर के प्रयोग से फसल अवशेष जमीन में सड़ाकर जीवांश पदार्थों की मात्रा बढाई जा सकती है। उपनिदेशक कृषि रक्षा राकेश बाबू ने जैविक दवाईयों, भूमि शोधन के लिये ट्राईकोडर्मा व दीमक तथा सफेद सुंडी के लिये ब्यूबैरिया वेसियाना को कम्पोस्ट खाद में मिलाकर एक हफ्ते बाद जुताई के समय प्रयोग करने की सलाह दी।
उन्होने कहा कि यह दवाई 75 प्रतिशत अनुदान पर कृषि रक्षा इकाई पर उपलब्ध है। उन्होने कीटों के जैविक विधि से कन्ट्रोल करने की जानकारी भी कृषकों को दी। उन्होने पौधों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षणों की जानकारी देते हुए उन तत्वों का प्रयोग कितनी मात्रा में किया जाये इसकी जानकारी विस्तार से दी। किसान विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक वीरेन्द्र कुमार द्वारा धान की फसल में कीट च रोगों की पहचान तथा उनका उपचार करने की विधि विस्तार से बतायी। खरीफ में तोरिया की बुवाई से 15 अक्टूबर तथा भवानी प्रजाति की बुवाई 15 से 31 अक्टूबर तक करने की सलाह देते हुए वैज्ञानिक रूप से खेती की विधि बतायी । उन्होने सल्फर का प्रयोग सभी तिलहनी फसलों में आवश्यक रूप से करने की सलाह दी। कार्यक्रम में वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों द्वारा आम की फसल प्रबन्धन तथा खरीफ में सब्जियों की खेती, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों किसानों को दी गयी। मेले में कृषि विभाग, कृषि रक्षा, गन्ना, प्रधानमंत्री फसल बीमा, मिशन शक्ति, आदि विभागों द्वारा अपने स्टॉल लगाकर चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर डॉ० सुखदेव वैज्ञानिक, सेवानिवृत्त उप परियोजना निदेशक यशवीर सिंह सैनी, भूमि संरक्षण अधिकारी रामजतन मिश्रा, चेयरमैन सहकारी समिति श्री पवन सिंह आदि उपस्थित थे।