राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कृषि कानूनों को लेकर बड़ा सियासी बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर आगे जरूरत पड़ी तो दोबारा कानून बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने कानून वापसी की वजह बताते हुए कहा था कि हम किसानों को समझा नहीं सके, इसलिए कानून वापस ले रहे हैं। उन्होंने किसानों से माफी भी मांगी। प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले के बाद एक तरफ जहां किसान संगठन और विपक्षी दल सरकार की नीयत पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं कुछ इन कानूनों को फिर से लाए जाने की आवाज भी उठ रही हैं। राज्यपाल कलराज मिश्र का कहना है कि जरूरत पड़ने पर दोबारा ऐसे कानून बना सकते हैं। ज्ञात हो कि अगले वर्ष उत्तर प्रदेश सहित पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं। मतदाता किसानांे की नाराजगी से जोड़ कर इस कृषि कानून वापसी को देखा जा रहा है।
दोबारा बनाएंगे कानून : कलराज
कलराज मिश्र ने कानून वापस लेने के फैसले को सराहनीय कदम बताया है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में था। सरकार ने किसानों को समझाने की लगातार कोशिश की। फिर भी किसान आंदोलित थे और अड़े थे कि कानून वापस लिया जाये। अंत में सरकार को ये लगा कि कानून वापस ले लिया जाये। उन्होंने किसानों को सरकार अपनी बात समझा नहीं पायी। कलराज मिश्र ने कहा कि फिर आगे इस संबंध में कानून बनाने की जरुरत पड़ी तो दोबारा बनाया जाएगा। फिलहाल इसे वापस लिया जा रहा है।
इसी सत्र में आ सकता है कानून वापसी का बिल
पीएम मोदी ने कानून वापस लेने का ऐलान तो कर दिया लेकिन इसे अभी संसद में पास कराना होगा। बताया जा रहा है कि बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। इसके बाद इसी महीने के आखिर से संसद का सत्र शुरू हो रहा है, जिसमें कानून वापसी का बिल पेश किया जाएगा। कृषि कानूनों की वापसी को लेकर किसान संगठन भी आगे योजना तैयार कर रहे हैं।