कर्नाटक (Karnataka) के हुबली में पीएम मोदी (PM Modi) को फूलों की माला (Garland) पहनाने की कोशिश करना वाले बच्चे (children) की पहचान हो गई है. ये बच्चा छठी क्लास में पढ़ता है और पीएम मोदी को माला पहनाना चाहता था. गुरुवार को पीएम मोदी का रोड शो जब हुबली से गुजर रहा था उस वक्त पीएम मोदी कार से बाहर थे और लोगों का अभिवादन करते हुए जा रहे थे.
तभी सड़क किनारे खड़ा एक बच्चा अचानक सभी सुरक्षा इंतजामों को धता बताते हुए पीएम मोदी के लगभग करीब पहुंच गया था. बच्चे के हाथ में फूलों की माला थी और वह कथित तौर पर पीएम मोदी को माला पहनाना चाहता था. हालांकि पीएम मोदी के साथ चल रहे एसपीजी के जवानों ने तत्काल बच्चे के हाथ से फूलों की माला ले ली थी और बच्चे को वापस भेज दिया था. इसे पीएम की सुरक्षा में चूक माना गया लेकिन कर्नाटक पुलिस ने इसे सुरक्षा चूक नहीं बताया.
छठी क्लास में पढ़ने वाले इस बच्चे का नाम कुणाल धोंगडी है. इस बच्चे ने कहा, “मैं पीएम मोदी को माला पहनाने गया था, मैंने न्यूज में सुना था कि मोदी जी आएंगे, इसलिए मेरा मन मचल गया था और मैं परिवार के सदस्यों के साथ वहां गया था, मोदी जी अपनी कार में जा रहे थे, हम चाहते थे कि मेरे चाचा के ढाई साल का बेटा आरएसएस का यूनिफॉर्म पहनकर उन्हें माला पहनाए.”
कुणाल ने आगे बताया कि रोड शो के दौरान पीएम मोदी की नजर हमारी ओर नहीं पड़ी. इसके बाद मुझे लगा कि उनकी कार आगे बढ़ी जाएगी. इसके बाद मैं खुद बैरिकेंडिंग से बाहर निकल हाथ में माला लेकर दौड़ पड़ा. कुणाल ने कहा कि वहां कतार में खड़े सभी लोगों की सुरक्षा जांच की गई थी.
कुणाल ने कहा, “मैं मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं… वह एक अच्छे इंसान हैं, भगवान की तरह… मुझे खुशी है कि मैं उनके पास माला ले जा सका और उन्हें बहुत करीब से देख सका.”
बता दें कि ये बच्चा पीएम मोदी के काफी करीब पहुंच गया था. बच्चे को करीब आता देख पीएम मोदी ने माला लेने के लिए अपना हाथ उसकी ओर बढ़ाया, लेकिन वे बच्चे तक नहीं पहुंच सके. एसपीजी अधिकारियों ने बच्चे के हाथ से माला ले ली और बच्चे को तत्काल वहां से अलग कर दिया. फिर फूलों की माल को पीएम की कार के अंदर रख दिया
बता दें कि पीएम मोदी गुरुवार को 26वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करने के लिए कर्नाटक आए थे. इस दौरान हुबली में उनका रोड शो हो रहा था. जब पीएम मोजी एयरपोर्ट से रेलवे स्पोर्ट्स ग्राउंड जा रहे थे तभी ये हादसा हुआ था.
इस घटना के बाद पुलिस ने बच्चे के अलावा पूरे परिवार से पूछताछ की थी. बाद में पुलिस ने सभी को छोड़ दिया. कुणाल के दादा जो कि घटनास्थल पर उनके साथ थे. उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमलोगों से पूछताछ की और जब उन्हें लगा कि हम बेकसूर हैं तो पुलिस ने हमें छोड़ दिया.