सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा है कि वो केंद्र सरकार (central government) से वैक्सीन निर्यात (Vaccine export from) के लिए हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि SII के पास पहले से बिलियन डॉलर से ज्यादा कीमत (यानी कई हजार करोड़) के वैक्सीन डोज का ऑर्डर बैकलॉग में पड़ा हुआ है. एक इंटरव्यू में पूनावाला ने कहा है कि इस साल के अंत तक कंपनी भारत में अपनी वैक्सीन कोवोवैक्स के इमरजेंसी यूज के लिए आवेदन कर सकती है।
यूरोपीय यूनियन के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में कोविशील्ड को शामिल करने पर उन्होंने कहा-भारत सरकार को कई यूरोपीय देशों में अप्रूवल मिल गया है. हालांकि पश्चिमी देश अभी वैक्सीन सर्टिफिकेट को लेकर रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. सीरम इंस्टिट्यूट के पास बिलियन डॉलर कीमत के वैक्सीन डोज के ऑर्डर का पुराना बैकलॉग है. इसे अभी तक निर्यात नहीं किया जा सका है. हम वैक्सीन निर्यात के लिए केंद्र सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं. हमने भारत में कोविड वैक्सीन फेसिलिटी के लिए 3 से 4 हजार करोड़ निवेश किए हैं. केंद्र सरकार से मिली 1500 करोड़ की अडवांस रकम ने हमारी मदद की।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा है कि ‘वैक्सीन मैत्री’ के तहत, भारत पूरी दुनिया की मदद करेगा और चौथी तिमाही में कोवैक्स में योगदान देगा.’ उन्होंने कहा, ‘हमें अगले महीने कोरोना-रोधी वैक्सीन की 30 करोड़ से अधिक खुराक मिलने की उम्मीद है. वैक्सीन का उत्पादन बढ़ेगा क्योंकि बायोलॉजिकल ई और अन्य कंपनियां अपने टीके बाजार में ला रही हैं।’
भारत ने शुरू किया था वैक्सीन निर्यात, फिर रोका
बता दें कि भारत ने इस साल की शुरुआत में कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही वैक्सीन निर्यात भी शुरू किया था. लेकिन बाद में जब देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी और वैक्सीन की मांग तेज हो गई तो केंद्र ने इस पर रोक लगा दी थी. वैक्सीन उत्पादन के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट से अन्य देशों को भी सप्लाई की उम्मीद है. अब स्वास्थ्य मंत्री के बयान के बाद माना जा रहा है जल्द ही भारत एक बार फिर वैक्सीन निर्यात शुरू कर सकता है।