केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि एलन मस्क द्वारा स्थापित स्पेसएक्स (SpaceX) की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सिस्टम, स्टारलिंक (Starlink) को भारत में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवाओं की पेशकश करने के लिए लाइसेंस प्राप्त नहीं है और आम लोगों को कंपनी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को सबस्क्राइब नहीं करने की सलाह दी है, जो फिलहाल प्री-बुकिंग के लिए उपलब्ध है.
केंद्रीय संचार मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग (DoT) ने कहा कि Starlink के पास देश में उपग्रह आधारित सेवाएं प्रदान करने के लिए किसी कंपनी के लिए अनिवार्य लाइसेंस नहीं हैं. भारत सरकार के संचार मंत्रालय, दूरसंचार विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ‘स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज’ को भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाओं की पेशकश करने का लाइसेंस नहीं है, जिसका विज्ञापन जनता के लिए किया जा रहा है.
स्टारलिंक ने देश में शुरू की बुकिंग
सरकार ने कहा कि कंपनी ने भारत में अपनी उपग्रह आधारित स्टारलिंक इंटरनेट सेवाओं की प्री-सेलिंग या बुकिंग शुरू कर दी है और कंपनी की वेबसाइट से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय क्षेत्र में उपयोगकर्ता स्टारलिंक द्वारा दी जाने वाली इंटरनेट सेवाओं को बुक करा सकते हैं.
दूरसंचार मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत में उपग्रह आधारित सेवाएं प्रदान करने के लिए, भारत सरकार के दूरसंचार विभाग से अपेक्षित लाइसेंस की आवश्यकता होती है. इसके द्वारा बड़े पैमाने पर जनता को सूचित किया जाता है कि उक्त कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर बुक की जा रही उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाओं को प्रदान करने के लिए कोई लाइसेंस या अथॉरिटी हासिल नहीं की है.
स्टारलिंक सेवाओं की सबस्क्राइब न करने की सलाह
इसके अलावा, Starlink को सरकार द्वारा आवश्यक लाइसेंस प्राप्त होने तक, देश में बुकिंग के लिए अपनी सेवाओं को उपलब्ध कराने से तुरंत परहेज करने के लिए भी कहा गया है.
मंत्रालय ने कहा, “सरकार ने कंपनी को उपग्रह आधारित संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय नियामक ढांचे का पालन करने और तत्काल प्रभाव से भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवाओं की बुकिंग या रेंडरिंग करने से परहेज करने के लिए कहा है.” बयान में यह भी कहा गया, “इस तथ्य को देखते हुए कि Starlink एक लाइसेंसधारी नहीं है, ऐसे में जनता को सलाह दी जाती है कि वे विज्ञापित की जा रही स्टारलिंक सेवाओं की सबस्क्राइब न करें.”
समाचार एजेंसी पीटीआई की इस महीने की शुरुआत में एक रिपोर्ट के मुताबिक, Starlink देश में अपनी ब्रॉडबैंड सेवाओं का विस्तार करने के लिए देश में दूरसंचार कंपनियों के साथ सहयोग तलाशने की योजना बना रहा था.
स्पेसएक्स में स्टारलिंक कंट्री डायरेक्टर इंडिया संजय भार्गव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि नीति आयोग ने पहले चरण के 12 दावेदार जिलों की पहचान के बाद कंपनी सेवा प्रदाताओं के साथ चर्चा करने का इरादा रखती है.
वर्तमान में, कंपनी देश के चुनिंदा क्षेत्रों में $99 की राशि पर अपनी सेवाएं दे रही है जो पूरी तरह से रिफंडेबल है. वेबसाइट यह भी दिखाती है कि कंपनी 2022 तक कवरेज को लक्षित कर रही है, जबकि उपलब्धता के बार में तय नियामक को करना है.