उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सरकार के फैसले के खिलाफ आज राज्य के वकीलों ने हड़ताल करने का फैसला किया है और वकील सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध दिवस मनाएंगे. जानकारी के मुताबिक वकील जगह-जगह जिला प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगे और उनका कहाी है कि अगर सरकार ने अधिवक्ताओं को विश्वास में लेकर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की तो वकीलसरकार के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे. असल में वकीलों को उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) के उस आदेश से आपत्ति है जिसमें सरकार ने कहा कि जिला अदालतों में अराजकता फैलाने वाले दोषी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
इस मामले में यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष श्रीश कुमार मेहरोत्रा के नेतृत्व में बुलाई गई आपात बैठक में गुरुवार को यह प्रस्ताव पारित किया गया. हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के अवध बार एसोसिएशन समेत जिले के अन्य बार एसोसिएशनों ने बार काउंसिल को समर्थन देने की घोषणा की है. काउंसिल का कहना है कि आज की हड़ताल के बाद अब 22 मई को इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय की जाएगा. उन्होंने कहा कि वकीलों को कोर्ट का अधिकारी माना जाता है, इसलिए सरकार को उन पर कोई अभद्र टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल ने जिलाधिकारियों को इसके लिए आदेश जारी किया था.
जानिए क्या था यूपी सरकार का आदेश दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिया था कि जिला अदालतों में अराजकता फैलाने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. जिसके विरोध में राज्य के वकील आज हड़ताल पर रहेंगे. वहीं आज मथुरा जिले के वकील हड़ताल पर रहेंगे. वकीलों का कहना है ये फैसला सही नहीं है. वकीलों का कहना है कि सरकार का फैसला एक तरफा है और इस फैसले को वापस लेना चाहिए.