उत्तर कोरिया (North Korea) के एक बार फिर जापान सागर में मिसाइल परीक्षण (Missile test in the Sea of Japan) किया है। यह परीक्षण (test) गुरुवार की सुबह किया गया है। वहीं उत्तर कोरिया (North Korea) द्वारा इस साल किया गया यह छठा मिसाइल परीक्षण(Missile test ) है। इससे पहले उत्तर कोरिया (North Korea) ने इस साल का सबसे पहला परीक्षण छह जनवरी को किया था और इसके बाद 11 जनवरी को भी एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण (ballistic missile test) किया था वहीं 17 जनवरी को आखिरी बार बैलिस्टिक मिसाइलों (ballistic missile test) का परीक्षण किया गया था।
अमेरिका (America) ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN)में में गुहार लगाई थी, लेकिन चीन और रूस ने उसके प्रयासों को रोक दिया था। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खुफिया अधिकारी इन प्रक्षेपणों का विश्लेषण कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने विस्तार से जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।
उत्तर कोरिया ने छह दिन पहले भी मिसाइल परीक्षण किया था, पांच जनवरी को जब इसने मिसाइल परीक्षण किया था तो इसे हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण बताया था लेकिन दक्षिण कोरिया ने इस बात को मानने से इंकार कर दिया था। लेकिन अब दक्षिण कोरियाई सेना ने पुष्टि कर दी है कि उत्तर कोरिया हाइपरसोनिक मिसाइल दागने में सक्षम हो गया है।
अमेरिका ने पिछले हफ्ते मिसाइल प्रक्षेपण पर एकतरफा प्रतिबंध लगाए थे। इसके तहत छह उत्तर कोरियाई, एक रूसी और एक रूसी फर्म को रूस और चीन से परीक्षण कार्यक्रमों के लिए सामान खरीदने का आरोप लगाते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
उत्तरी कोरिया इस तरह के मिसाइल परीक्षण करके अमेरिका को खुली चुनौती दे रहा है। दरअसल, अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रहा है, साथ ही परमाणु कार्यक्रम बंद करने का भी दबाव बनाया जा रहा है। अब उत्तर कोरिया ने इस तरह के परीक्षण से साफ कर दिया है कि वह अमेरिकी प्रतिबंधों से दबने वाला नहीं है।