स्वास्थ्य सेवायें जब जनता के स्वास्थ्य की रक्षा नहीं कर सकें तो लोगों को मोहभंग होना स्वाभाविक है। डाॅक्टर और नर्सों की लापरवाहियों से लोगों की जान चली जाये तो डाॅक्टर और नर्सों से विश्वास उठेगा ही। कानपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हैलट में एक बार फिर लापरवाही का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक महिला का नवजात कर्मचारियों की अनदेखी के चलते बच नहीं सका। कर्मचारियों की लापरवाही से उसकी दर्दनाक मौत हो गई। हसीन बानो नामक महिला प्रसव के लिए हैलट में भर्ती हुई थी। रात में उसे शौचालय जाना था। उसने इसके लिए स्टाफ को आवाज दी। कई बार उसने मेडिकल स्टाॅफ को सहायता के लिए बुलाया लेकिन मौके पर कोई नहीं था। महिला की आवाज किसी नहीं सुनी। इसके बाद महिला किसी तरह से शौचालय पहुंची। इसी दौरान उसका अचानक प्रसव हो गया। कमोड पर महिला की स्थिति खराब हो गयी।
दर्दनाक बात ये थी कि बच्चा कमोड में गिर गया और उसी में फंसा रह गया। महिला इस दौरान मदद के लिए चिल्लाती रही लेकिन काफी देर तक वहां पर कोई नहीं आया। बाद में एक स्टाफ नर्स वहां पहुंची और उसने महिला के पति को सूचना दी। महिला का पति वहां पर पहुंचा लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और मासूम कमोड में ही फंस कर रह गया था। कर्मचारियों की लापरवाही से नवजात की मौत गई।
अस्पताल में मचा हड़कंप
कमोड में डिलीवरी और नवजात की मौत की जानकारी लगते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया। देर रात किसी कर्मचारी के न होने की बात पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। वहीं सूत्रों के अनुसार मामले में डॉक्टरों की भी लापरवाही सामने आ रही है। मामला बढ़ता देख मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने जांच के आदेश दिये हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी मामले में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। मामला सामने आने पर जिलाधिकारी विशाल जी अय्यर ने भी कड़ा रुख अपनाया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मामले में रिपोर्ट तलब की। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।