कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन में तमिलनाडु के श्रवनन की नौकरी चली गई थी, जिसके बाद उन्होंने माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चों सहित 7 लोगों के परिवार को चलाने के लिए खेती शुरू कर दी। इस दौरान उन्हें जो भी खाली समय मिलता वह उसमें मशीनों के साथ प्रयोग करते। दरअसल, श्रवनन को बचपन से ही मशीनों को लेकर जुनून रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने 7 साल पहले इलेक्ट्रिक बाइक बनाने की कोशिश की थी। अफसोस, मैं कामयाब नहीं हो सका। हालांकि, बाद में, मैंने इस बारे में पढ़ना और वीडियोज देखना शुरू किया। जब लॉकडाउन लगा तो मैंने फिर से एक्सपेरिमेंट्स करना शुरू कर दिया।
42 साल के श्रवनन पेशे से इलेक्ट्रीशियन हैं, जो Ponnamaravathi के Idiyathur के रहने वाले हैं। पहले उन्होंने एक पुरानी ‘बाइक’ खरीदी और उसमें बैटरी लगाने की कोशिश की। ये कुछ हद तक सफल रहा। लेकिन बेहतर रिजल्ट के लिए उन्होंने फिर से 2 हजार 500 रुपये में एक बेहतर कंडीशन वाली पुरानी ‘बाइक’ खरीदी और उनका एक्सपेरिमेंट कामयाब रहा, उन्हें इस बाइक का इस्तेमाल करते हुए 45 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। वह कहते हैं कि यह 45 किलोमीटर के माइलेज के साथ बढ़िया से चलती है। इस वाहन को परफेक्ट बनाने में श्रवनन को तीन महीने का वक्त लगा और 26 हजार रुपये खर्च हुए।
श्रवनन ने बताया कि इस तरह की बाइक बनाने के लिए आपको इलेक्ट्रिकल, वेल्डिंग और मैकेनिकल की समझ होनी चाहिए। मैंने तिरुचि में एक प्राइवेट इलेक्ट्रिक कम्पनी में काम किया है, इसलिए मैं वेल्डिंग करना जानता हूं। ऐसे मॉडिफिकेशन के दौरान वेल्डिंक सबसे ज्यादा अहम होती है। उन्होंने बाइक के पूरे इंजन को बदला है। इस प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने चेन्नई से एक ब्रशलेस डीसी (बीएलडीसी) मोटर, कंट्रोलर यूनिट और किट मंगवाई थी। श्रवनन ने कहा कि आमतौर पर ई-बाइक में 20 Ah लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, मैं इसे अफोर्ड नहीं कर सकता था। इसलिए, मैंने लेड एसिड 14 Ah बैटरी का उपयोग किया है, जिसे बाइक में यूज किया जाता है। अगर ई-बाइक की बैटरी का इस्तेमाल किया जाए तो माइलेज 65 किलोमीटर तक हो सकता है।