गाजा के राफा शहर में इजरायली हमले के दौरान फिलिस्तीनी शरणार्थियों का एक टेंट भी निशाना बन गया, जिसमें 45 लोगों की मौत हो गई। इस घटना को लेकर इजरायल निशाने पर है और एक बार फिर से दुनिया भर में उसके खिलाफ प्रदर्शन होने लगे हैं। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इस मामले में गलती मानी है और घटना को दुखद बताया है।
वहीं, इस बीच पेरिस में इजरायल के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन हुआ है। फ्रांस की राजधानी में स्थित फ्रांस के दूतावास को प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया। करीब 10 हजार लोगों ने उसके दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। इन लोगों के पास में फिलिस्तीनी झंडे थे और ये लोग इजरायल एवं बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे। इन लोगों ने फ्री गाजा, हम भी गाजा के बच्चे हैं जैसे नारे लगाए। गाजा पट्टी पर बीते 8 महीनों से इजरायल की ओर से ताबड़तोड़ हमले किए जा रहे हैं। बीते साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला बोल दिया था। उसके बाद से ही इजरायल की ओर से जवाबी कार्रवाई जारी है। गाजा के खान यूनिस जैसे शहर इजरायली हमलों में तबाह हो चुके हैं। अब इजरायली सेना ने राफा शहर को अपना निशाना बनाया है। उसका कहना है कि हमास के लड़ाकों ने अब यहीं पर अपने ठिकाने बना लिए हैं। ऐसे में उन्हें नेस्तनाबूद करने के लिए हमले जरूरी हैं।
इजरायल के लिए मुश्किल वाली बात यह है कि भले ही उसके साथ अमेरिका और ब्रिटेन पूरी ताकत से खड़े हैं, लेकिन कई यूरोपीय देशों में भी उसके खिलाफ तीव्र विरोध दिख रहा है। जर्मनी, फ्रांस, स्पेन जैसे देशों में उसके लिए मुश्किल खड़ी हो रही है। यहां इजरायल के खिलाफ आंदोलन तेज हैं और सरकारें भी खिलाफ जा रही हैं। पेरिस में प्रदर्शन के दौरान ही मैड्रिड और बार्सिलोना में भी आंदोलन हुए। बता दें कि इजरायल में 45 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की घटना को इजरायल ने हमला नहीं बल्कि हादसा करार दिया है। इजरायल का कहना है कि हमसे गलती हुई है, लेकिन यह हमला नहीं बल्कि हादसा था।