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इंडियन मुजाहिद्दीन के 12 के आतंकियों को आजीवन कारावास, सभी थे इंजीनियंरिंग के छात्र

राजधानी जयपुर में दहलाने की साजिश करने वाले इंडियन मुजाहिद्दीन के 12 आतंकियों को सजा मिल गयी है। जयपुर में इस साजिश को रचने वालों में 20 आतंकी शामिल थे। इनमें से एक को पर्याप्त सूबत नहीं होने की स्थिति में बरी कर दिया गया है। साजिश में शामिले सात अन्य आतंकी पाकिस्तान में थे, जो अब भी फरार है। स्पेशल पब्लिक प्रोसीक्यूटर लियाकत खान ने बताया कि इस मामले में 20 आरोपी थे। भारत में केवल 13 को गिरफ्तार किया जा सका है। ऐसे में लोगों के मन में अभी भी ये सवाल उठ रहा है कि जयपुर के इन अन्य साजिशकर्ता को कब तक सजा मिल पाएगी।

ज्ञात हो कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयपुर महानगर प्रथम ने आतंकी हमले की साजिश से जुडे मामले में आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के 12 सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में जोधपुर निवासी मशरफ इकबाल को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए बरी किया है। कोर्ट ने दोषियों पर 91 लाख 25 हजार रुपए का जुर्माना भी किया है। देश का ऐसा पहला मामला है जिसमें आतंकियों को हमले से पहले जिंदा पकड़ा हो, साथ ही कठोर सजा भी मिली हो।
एटीएस ने पाकिस्तानी आतंकवादी जिया उर रहमान के कबूलनामे के बाद 22 मार्च 2014 को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ से एक गुप्त सूचना के बाद इस संबंध में कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के बाद 13 आतंकियों को पकड़ा गया था।

इस दौरान ये जानकारी मिली थी कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से आईएम के नेता यासीन भटकर की गिरफ्तारी के बाद, आईएम के भारतीय ऑपरेशन कमांडर मरूफ उर्फ इब्राहिम ने राजस्थान में एक स्लीपर सेल को सक्रिय किया है। राजस्थान में बम बनाने और विस्फोटकों का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। एटीएस ने सबसे पहले इसमें मोहम्मद मरूफ को गिरफ्तार किया था। इसके बाद बाकी लोगों को जयपुर और सीकर के प्रताप नगर में छापे मारकर गिरफ्तार किया।

बताया जाता है कि सभी आंतंकी 2002 के गोधरा दंगे और भरतपुर के गोपालगढ़ में हुई हिंसा का बदला लेना चाहते थे। बदला लेने के लिए इन्होंने साजिश रची थी। साथ ही जयपुर में बैठकर स्लीपर सेल तैयार किया। इंडियन मुजाहिद्दीन ने इस स्लीपर सेल में ऐसे युवाओं पर ज्यादा फोकस किया है, जो इंजीनियरिंग से जुड़े हों, ताकि आसानी से बम बनाए जा सके। सभी आरोपी इंजीनियंरिंग के छात्र थे।

सजा सुनाई जाने वालों में मोहम्मद अम्मार, मोहम्मद सज्जाद, मोहम्मद आकिब, अब्दुल वाहिद गौरी, मोहम्मद वकार, अब्दुल माजिद उर्फ अद्दा, मोहम्मद मारूफ, वकार अजहर, बराकत अली, मोहम्मद साकिब अंसारी व अशरफ अली खान षामिल है। मुशर्रफ इकबाल को दोषमुक्त करार दिया गया है।