पिछले महीने जम्मू और कश्मीर में आम नागरिकों की हत्याओं में शामिल लगभग सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया है। सशस्त्र बल अब खुफिया-आधारित “सर्जिकल ऑपरेशन” पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए छोटी टीमें शामिल हैं। रविवार को इसकी जानकारी दी गई है।
सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए एक “रिफाइन्ड” दृष्टिकोण जम्मू-कश्मीर पुलिस, खुफिया एजेंसियों और सेना के बीच बेहतर समन्वय के एक अधिक सूक्ष्म ढांचे के तहत रखा गया है। इसका उद्देश्य आतंकवाद से होने वाली क्षति को कम करना है।
आपको बता दें कि जम्मू और कश्मीर में पिछले महीने निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ। इससे इस क्षेत्र में हिंसा और उथल-पुथल बढ़ने की आशंका पैदा हो गई। सूत्रों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का मुख्य फोकस निर्दोष लोगों की हत्या को रोकना है। सुरक्षा बलों की सभी शाखाएं इसे हासिल करने की कोशिश कर रही हैं।
यही कारण है कि “खुफिया-आधारित सर्जिकल ऑपरेशन” पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें छोटी टीमों को शामिल किया गया है। इस तरह की कार्रवाइयों के लिए स्थानीय आबादी से समर्थन प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सूत्रों ने कहा कि खुफिया जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं ने कश्मीर में सक्रिय अपने प्रॉक्सी को निर्देश दिया है कि जब भी सुरक्षा बल आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू करें तो कम से कम 10 नागरिक मारे जाएं।