आज से सोने के आभूषण खरीदने का तरीका बदल जाएगा, क्योंकि अब गोल्ड हॉलमार्किंग के रूल लागू कर दिए जाएंगे। COVID-19 महामारी के कारण और अधूरी तैयारियों के चलते सरकार ने गोल्ड ज्वेलर्स को नियमों को लागू करने के लिए कुछ समय दिया था, मगर अब ये नियम लागू आज से लागू हो गए हैं। यदि कोई भी ज्वेलर बिना हॉलमार्किंग के सोने के आभूषण बेचता पाया गया तो उसे एक साल की जेल भी हो सकती है। इसके साथ उस पर गोल्ड ज्वेलरी की वैल्यू की 5 गुना तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
अब मिलेगी केवल ‘शुद्ध’ गोल्ड ज्वेलरी
बता दें गोल्ड हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता का सर्टिफिकेट है, आज से सभी ज्वेलर्स को केवल 14, 18 और 22 कैरेट गोल्ड की बिक्री की अनुमति होगी। BIS अप्रैल 2000 से गोल्ड हॉलमार्किंग की योजना चला रही है,अब लगभग 40 परसेंट गोल्ड ज्वेलरी हॉलमार्किंग वाली है। ज्वेलर्स के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन और ऑटोमैटिक कर दिया गया है। World Gold Council के अनुसार देश में लगभग 4 लाख ज्वेलर्स हैं। जिसमें 35,879 BIS सर्टिफाइड है।
अभी सिर्फ 40 परसेंट ज्वेलरी हॉलमार्किंग है
भारत में गोल्ड हॉलमार्किंग वाले गहने अभी नहीं बिकते हैं ये नहीं कहा जा सकता है, मगर उन पर अभी कोई अनिवार्यता लागू नहीं है, बल्कि कई बड़े ज्वेलर्स खुद ही गोल्ड हॉलमार्किंग वाले सोने के आभूषण बेच रहे हैं। इस नियम के लागू होते ही सभी ज्वेलर्स को हॉलमार्किंग वाली ही ज्वेलरी बेचनी होगी। गोल्ड हॉलमार्किंग के नियम लागू करने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के डायरेक्टर जनरल प्रमोद तिवारी को दी गई है। इनका काम नियमों को लागू करवाने में जो भी परेशानियां आएं उन्हें दूर करना है। बता दें कि केंद्र सरकार ने नवंबर 2019 में गोल्ड ज्वेलरी और कलाकृतियों के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग नियमों की घोषण की थी। इन नियमों को जनवरी 2021 से भारत में लागू किया जाना था।