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आज शरद पूर्णिमा पर इस सीक्रेट इंग्रेडिएंट के साथ बनाएं खीर, जानें रेसिपी !

आज 19 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का त्योहार है. आज के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से युक्त होता है और धरती के बेहद निकट होता है. माना जाता है कि इस दौरान चंद्रमा से कुछ ऐसे रासायनिक तत्व निकलते हैं, जो सेहत के लिए काफी लाभकारी होते हैं. वहीं आज के दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य दिवस भी होता है.

लक्ष्मी माता को खीर बेहद पसंद है, इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी माता को खीर का भोग लगाया जाता है. इसके बाद खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है, ताकि वो रासायनिक तत्व उसमें समाहित हो सकें. इसके बाद सुबह के समय खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है. आज शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर जानिए चावल की स्वादिष्ट खीर बनाने का ऐसा तरीका, जो हर किसी को आपकी कुकिंग स्किल्स की तारीफ करने के लिए मजबूर कर देगा.

सामग्री

चावल 100 ग्राम, दूध 2 लीटर, चीनी स्वादानुसार, 1 बड़ा चम्मच, इलायची 4 पिसी हुई, काजू 8 से 10 कटे हुए, बादाम 8 से 10 बारीक कटे हुए, आधा कप कटे मखाने, चिरौंजी 1 बड़ा चम्मच.

बनाने का तरीका

सबसे पहले चावल को पानी से धोकर आधे घंटे के लिए भिगो दें. भिगोते समय पानी ज्यादा न डालें. अब एक कुकर में घी डालें और इसमें दो इलायची का पाउडर डालें, दो इलायची का पाउडर बचा लें. फिर चावल डालें. थोड़ा पानी और थोड़ा दूध मिक्स करके डालें और कुकर बंद करके सीटी दो से तीन सी​टी लगाएं ताकि चावल अच्छे से गल जाए.

इसके बाद कुकर ठंडा होने पर खोल दें. अब इसे फिर से गैस पर रखें और दूध डालें. इसके बाद चमचे से चलाते रहें और जब खीर उबलने लगे तो गैस को मध्यम आंच पर कर दें. धीरे धीरे उबलने दें और बीच बीच में चलाते रहें. आपको इस तरह से चलाना है कि चावल खीर में घुल जाए, साबुत न रहे.

जब खीर में गाढ़ापन आने लगे तो गैस बंद कर दें और इसमें कटे हुए मेवा डाल दें और गैस को बंद कर दें. इसके बाद आप स्वादानुसार चीनी डालें. तैयार है आपकी खीर. अब इस खीर को आप एक बर्तन में निकाल लें.

सीक्रेट इंग्रेडिएंट

खीर को सुंदर रंग देने और इसे बेहद स्वादिष्ट बनाने के लिए आप इसमें सीक्रेट इंग्रेडिएंट के तौर पर खोए के दो ब्राउन वाले पेड़े को हाथों से मसलकर डालें और मिक्स कर दें. पेड़े आपको खीर बनने के बाद गैस बंद करके डालना हैं. इसके बाद जरूरत के हिसाब से चीनी डालें, ताकि खीर जरूरत से ज्यादा मीठी न हो जाए. इसके बाद आप इसका भोग लगाएं और सुबह प्रसाद में खाएं और खिलाएं. आप चाहें तो इसमें नारियल का चूरा भी डाल सकते हैं. लेकिन ये वैकल्पिक है.