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आज महंत नरेंद्र गिरी अंतिम संस्कार, सीएम योगी भी पहुंचेंगे

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की सोमवार को संदिग्‍ध हालात में मौत हो गई. प्रयागराज के बाघंबरी मठ में उनकी लाश फांसी के फंदे से लटकती मिली है. सूचना पाकर मौक पर पहुंची पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है. फोरेंसिक टीम ने मौका-मुआयना किया है. जांच में पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है. इसमें कई नाम आए हैं. सुसाइड नोट में अपने एक शिष्य से परेशान होने की भी बात लिखी गई है.

यूपी पुलिस एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि महंत गिरी की आत्महत्या की सूचना उनके शिष्य बबलू ने फोन पर पुलिस को दी. इसके बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उनके शव को उतारा जा चुका था और नीचे रखा हुआ था. पुलिस के अनुसार महंत नरेंद्र गिरी का पोस्टमॉर्टम मंगलवार को डॉक्टरों के पैनल से करवाया जाएगा. खबर है कि उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. बता दें कि मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का यह पहला मामला नहीं है. दो साल पहले नवंबर महीने में भी अखाड़े के एक संत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. संत का शव उनके कमरे में मिला था. उन्हें गोली लगी थी. उनकी हथेली में पिस्टल फंसी थी और पास में ही खोखे बरामद किये गये थे.

पहले भी मिली थी हत्या की धमकी

महंत नरेंद्र गिरी की मौत को उनके शिष्य आनंद गिरी से चल रहे विवाद से भी जोड़कर देखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में आनंद गिरी की ओर से मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने का अरोप लगाया है. इस बीच, उत्तराखंड पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी को पहले भी हत्या की धमकी मिल चुकी थी. यह मामला 2018 का है, तब नरेंद्र गिरी ने प्रयागराज के दारागंज थाने में FIR दर्ज कराई थी. इसमें झूंसी थाना क्षेत्र में रहने वाले योग गुरु सत्यम पर जान से मार देने की धमकी देने का आरोप लगाया गया था.

शिष्य आनंद ने कहा – मुझे फंसाने की साजिश

इधर, हिरासत में लिए जाने के बाद आनंद गिरी ने कहा है कि गुरुजी कभी आत्महत्या नहीं कर सकते, उनकी हत्या हुई है. उन्होंने कहा कि आईजी स्वयं इसमें संदिग्ध हैं. आईजी लगातार नरेंद्र गिरी के संपर्क में रहते थे. आनंद गिरी का आरोप है कि मठ और मंदिर का पैसा हड़पने वालों ने महंत जी की हत्या की है. इस साजिश में मठ के कई बड़े नाम शामिल हो सकते हैं. करोड़ों का खेल हैं. इसमें एक सिपाही अजय सिंह भी है. यही लोग उनकी हत्या कर सकते हैं. आनंद गिरी का आरोप है कि महंत नरेंद्र गिरी को मारकर मुझे फंसाने की साजिश है.

नरेंद्र गिरी को लिखना-पढ़ना नहीं आता था’

सुसाइड नोट में शिष्य द्वारा मानसिक रूप से परेशान किए जाने की बात पर हिरासत में लिए गए शिष्य आनंद गिरी ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी को लिखना-पढ़ना ही नहीं आता था, ऐसे में वे 8 पन्नों का सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जानी चाहिए.

आद्या तिवारी भी हिरासत में

इस बीच, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी के लिखे सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराए गए आरोपियों में से एक आद्या तिवारी को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने आद्या तिवारी को प्रयागराज से ही गिरफ्तार किया है. आद्या तिवारी बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी हैं. पुजारी आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी को अभी हिरासत में नहीं लिया गया है. गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरी के पास से मिले सुसाइड नोट में आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी पर मानसिक तौर से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है.