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अलविदा वीरभद्र सिंह: अंतिम यात्रा में उजड़ा हुजूम

हिमाचल प्रदेश के लोकप्रिय नेता और छह बार के सीएम रहे वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) का 8 जुलाई 2021 को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 30 अप्रैल से शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती थे. यहां पर आठ जुलाई को सुबह 3 बजकर 40 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली. वीरभद्र सिंह दो माह से अस्पताल में थे और आखिरी बार 15 जून को डॉक्टरों से उन्होंने बात की थी.


एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, आईजीएमसी की मेडिकल टीम के डॉक्टरों से यह आखिरी बातचीत हुई. आईजीएमसी के कॉर्डियोलॉजी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर सेवियो डिसूजा ने बताया कि पूर्व सीएम ने उनसे 15 जून को पूछा था कि मैं कहां पर हूं, यहां क्यों हूं और टाइम क्या हुआ है? टीम के हेड और कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. डॉ. पीसी नेगी ने बताया कि स्वर्गीय वीरभद्र सिंह मृत्यु से चार दिन पहले तक सबकुछ समझ रहे थे, मगर बोल कुछ नहीं पा रहे थे.

उन्हें जब हाथ और पांव हिलाने के लिए बोला जाता था को वह उन्हें हिलाते थे. जब उनसे बात की जाती थी तो वह गौर से देखते थे. जब भी उन्हें हमारी टीम से बात की तो हर बार अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के बारे में पूछा और उन्हें बुलाने के लिए कहा. कई बार अपनी पत्नी प्रतिभा सिंह को भी याद करते हुए उन्हें बुलाया. हालांकि, कुछ और बात वह कर नहीं पाते थे.

वीरभद्र को पड़ा था दिल का दौरा
हॉर्ट अटैक के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया और डॉ. नेगी खुद उनका इलाज कर रहे थे. शुरुआत में वह हल्की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि शुरुआत में चार से पांच दिन वह हल्का दलिया खा रहे थे, मगर उसके बाद वह केवल लिक्विड ही ले रहे थे. अंतिम समय तक उन्हें केवल लिक्विड के सहारे रखा गया.

सेहत में हुआ था सुधार
रेजिडेंट डॉक्टर सेवियो ने बताया कि 11 जून को वीरभद्र सिंह की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें मेकशिफ्ट अस्पताल में स्पेशल वार्ड से शिफ्ट किया गया. लेकिन चार दिन बाद ही वह कोरोना से काफी रिकवर कर गए थे. 15 जून को वीरभद्र सिंह ने उनसे बात की. उस समय उन्होंने यही पूछा कि मै कहां पर हूं? सेवियो ने उन्हें बताया कि आप आईजीएमसी में एडमिट हैं तो फिर उन्होंने पूछा कि यहां पर क्यों हूं? जब उन्हें बताया गया कि आप बीमार हैं और इलाज के लिए आए हैं तो उन्होंने पूछा कि टाइम क्या हुआ है. पत्नी प्रतिभा सिंह के बारे में पूछा और उन्हें बुलाने को कहा था. पांच जुलाई को उनकी तबीयत बिगड़ गई. उसके बाद उन्हें वेंटिलेटर में रखा गया और वह होश में नहीं आए.

छह बार सीएम रहे
वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे. वीरभद्र सिंह यूपीए सरकार में भी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रह चुके थे. उनके पास केंद्रीय इस्पात मंत्रालय रहा. इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय भी रह चुका है. वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ. वीरभद्र सिंह वर्ष 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में दोबारा, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 में हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे. लोकसभा के लिए पहली बार 1962 में चुने गए. पांच बार सांसद और नौ बार विधायक बने. वह हिमाचल के सबसे लोकप्रिय नेता हैं.