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अमेरिका ने कहा- भारत कोरोना महामारी को खत्म करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका

अमेरिका ने कहा है कि भारत कोरोना महामारी को खत्म करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। बाइडन प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि भारत इस (कोविड-19) महामारी को खत्म करने मेंसबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन निर्माण क्षमता के विस्तार से भारत एक अहम भूमिका निभाने जा रहा है। भारत ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के तहत और COVAX वैश्विक पूल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए अक्टूबर में कोरोना वैक्सीन का निर्यात फिर से शुरू करेगा। COVAX का सह-नेतृत्व गेवी, गठबंधन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (CEPI) और WHO कर रहे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के प्रशासक, सामंथा पावर ने कहा कि अब ये स्पष्ट है कि वैक्सीन निर्माण पर निर्यात प्रतिबंध हटने जा रहा है। भारत इस महामारी को समाप्त करने में पृथ्वी ग्रह पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। इसके इनोवेशन के कारण, वैक्सीन निर्माण क्षमता के विस्तार में लंबे समय से किए गए निवेश के कारण भारत की भूमिक अहम हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि अभी हम वास्तव में कठिन दौर में हैं क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं, टीकों की महत्वपूर्ण कमी है और भारत बहुत जल्द वैक्सीन का निर्यात शुरू करने जा रहा है। लक्ष्य को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण इंजन के रूप में भारत की भूमिका अहम है। इसमें ये बात अहम है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा गया है कि अगले साल तक दुनिया के प्रत्येक देश की आबादी का 70 प्रतिशत टीकाकरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक प्रेरणा के रूप में भारत भी है।

भारत जल्द ही कोरोना रोधी वैक्सीन का निर्यात दोबारा शुरू करने पर विचार कर रहा है। खासतौर पर अफ्रीकी देशों को। इसकी मुख्य वजह यह है कि भारत में ज्यादातर वयस्क लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज दे दी गई है और वैक्सीन की आपूर्ति भी बढ़ गई है। भारत ने इस साल के अंत तक सभी वयस्कों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। अगले महीने से दुनिया के दूसरे देशों को कोरोना रोधी वैक्सीन की सप्लाई फिर से शुरू करने के भारत के एलान का विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सराहना की है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घ्रेबेयेसस ने कहा कि भारत के इस फैसले से इस साल के अंत तक सभी देशों में कम-से-कम 40 फीसद आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।