‘वारिस पंजाब दे’ के जत्थेदार अमृतपाल सिंह संधू अमृत संचार समागम के दौरान अमृतसर गोल्डन टेंपल में पहुंचे. परिसर के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने एक बार फिर से खालिस्तान का समर्थन किया. उन्होंने कहा है कि वह हर उस इंसान के साथ हैं जो खालिस्तान का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि SGPC को केंद्र सरकार के कानूनों के हिसाब से नहीं चलना चाहिए, उसे अपना संविधान खुद तैयार करना चाहिए. विदेश में बैठे गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकी घोषित करने पर भी उन्होंने तीखा जवाब दिया और कहा कि सरकारें किसी को भी आतंकी और साधु घोषित कर देती हैं.
अमृतपाल सिंह ने किसान नेता राकेश टिकैत को चेतावनी देते हुए कहा है कि बेहतर होगा कि वह पंजाब के मामलों से दूर रहें. उन्होंने पंजाब के नौजवानों से ड्रग्स से दूर रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि यह आरोप लगते हैं कि पंजाब में 1984 का दौर खरा था, लेकिन उस दौरान सिख युवा नशे की चपेट में नहीं थे. ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की कमान संभालते हुए अमृतपाल ने कहा था कि हम सब पंजाबी अब भी गुलाम हैं, जो लोग सोचते हैं कि हम आजाद हैं, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. अमृतपाल जनरैल सिंह भिंडरांवाले की तरह ही वेशभूषा धारण करते हैं.
जरनैल सिंह भिंडरांवाले के समर्थक हैं अमृतपाल सिंह संधू
पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की कमान संभालने वाले और जरनैल सिंह भिंडरांवाले के समर्थक 29 साल के युवा अमृतपाल सिंह संधू लगातार खालिस्तान के समर्थन में बयान दे रहे हैं. ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन की स्थापना अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने की थी, जिसकी कुछ महीने पहले रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. वह 26 जनवरी, 2021 को लालकिले पर हुए उपद्रव के मामले में प्रमुख आरोपी भी था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमृतपाल की कथित संदिग्ध गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की थी और पंजाब सरकार को पत्र लिखकर सतर्क रहने को कहा था. हाल ही में अमृतपाल की गतिविधियों को देखते हुए सरकार ने उनके ट्विटर अकाउंट पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.