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अब दिल्ली से अयोध्या होगी बुलेट ट्रेन की सवारी, श्रीरामचंद्र एयरपोर्ट सामने होगा स्टेशन

श्रीराम नगरी अयोध्या को विश्वस्तरीय पर्यटन शहर बनाने की तैयारी तेज है। केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार पर्यटन के काम कर रही है। केंद्र सरकार अब दिल्ली से अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज के लिए बुलेट ट्रेन की परियोजना पर काम कर रही है। राजधानी दिल्ली से सीधे राम नगरी अयोध्या के लिए 350 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलेगी। बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने अयोध्या पहुंचकर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की। कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने अयोध्या आ कर स्टेशन के लिए जमीन फाइनल किया है।

अयोध्या में नियत स्थान पर पत्थर भी लगा दिये। बुलेट ट्रेन का स्टेशन लखनऊ-गोरखपुर हाईवे बाईपास पर बन रहे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र एयरपोर्ट के ठीक सामने होगा। कोशिश है कि एयरपोर्ट और बुलेट ट्रेन का स्टेशन नजदीक हो जिससे आवागमन को गति मिले। कॉरपोरेशन ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी के लिए आवेदन भी किया है। अयोध्या आए नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के कार्यकारी निदेशक अनूप कुमार अग्रवाल ने बताया कि श्रीराम नगरी को देश की राजधानी से जोड़े जाने की योजना है। बुलेट ट्रेन के लिए एरियल लिडार सर्वे हो चुका है। योजना को स्वीकृति भी मिल चुकी है। एनओसी मिलते ही नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन अपना काम शुरू करेगा।

 

941.5 किलोमीटर की बिछेगी नई पटरी
परियोजना में 941.5 किलोमीटर के लिए नई पटरी बिछाई जाएगी। यह बुलेट ट्रेन दिल्ली से आगरा-लखनऊ-प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक जाएगी। इस परियोजना में श्रीरामनगरी को शामिल करने के लिए लखनऊ से अयोध्या के लिए अलग से पटरी बिछाई जाएगी। ज्ञात हो कि लखनऊ-अयोध्या 130 किलोमीटर लिंक सेवा के रूप में रहेगी। दिल्ली से वाराणसी व दिल्ली से अयोध्या के लिए दो अलग-अलग बुलेट ट्रेन चलेंगी। बताया जा रहा है कि राजधानी लखनऊ दोनों मार्ग पर होगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव आरपी सिंह ने बताया कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने बैठक कर इस पर अपनी सहमति दे दी है। बैठक में विकास प्राधिकरण के साथ-साथ विजन डॉक्यूमेंट बना रही ली एसोसिएट के अधिकारी भी मौजूद रहे। इस परियोजना में 9 से 10 साल लगेंगे और 2031 तक बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य माना जा रहा है।