Breaking News

अब चीन में चूहे फैला रहे ये बीमारी, हो चुकी है कई लोगों की मौत

चीन(China) में कोविड-19 (Covid-19) के बढ़ते केस के बीच दिमागी बुखार (hemorrhagic fever) के नए मामलों ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है. चीन (China) के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर पश्चिमी प्रांत शांक्जी (Northwest Province Shanxi) में रहस्यमयी दिमागी बुखार(brain fever) के कई मामले में प्रकाश में आए हैं. ग्लोबल टाइम्स ने बताया है कि इस बीमारी में मृत्यु दर काफी ज्यादा होती है. हालांकि अब तक बीमारी से जान गंवाने वालों का वास्तविक आंकड़ा नहीं सामने आया है.


रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस संक्रामक बीमारी का मुख्य स्रोत चूहा या छछूंदर जैसे जीव (Main source of infectious disease)हो सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक खाने की चीजों को अगर चूहे जूठा कर दें तो बीमारी फैलने का खतरा होता है. साथ ही अगर खाने-पीने की चीजें चूहों के मल या पेशाब के संपर्क में आ जाएं तो उससे भी ये रोग फैल सकता है.

ये बीमारी इंसानों से इंसानों में नहीं फैलती
हालांकि अखबार में मेडिकल एक्सपर्ट्स के हवाले से लिखा गया है कि ये बीमारी इंसानों से इंसानों में नहीं फैलती. साथ ही इसका इलाज वैक्सीनेशन(vaccination) के जरिए किया जा सकता है. बता दें कि बीते दो हफ्ते से चीन में कोरोना (Corona in china) के नए मामलों में तेजी देखी जा रही है. वहीं ओमिक्रॉन के मामलों में वैश्विक तेजी के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट , इसके डेल्टा वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैल रहा है और पहले से ही वैक्‍सीन लगवा चुके लोगों या कोविड​​​​-19 बीमारी से उबर चुके लोगों में संक्रमण पैदा कर रहा है.

ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण को रोकने में कारगर नहीं चीनी वैक्सीन
इस बीच एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन से संक्रमण रोकने के मामले में चीन की दोनों ही वैक्सीन बिल्कुल कारगर नहीं हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की ज्यादातर कोरोना वैक्सीन ओमिक्रॉन संक्रमण को रोकने में कारगर नहीं हैं. हालांकि ऐसा लगता है कि ये वैक्सीन ओमिक्रॉन संक्रमण को गंभीर होने से रोकने में कुछ हद तक कारगर हो सकती हैं. यही कारण है कि सामान्य दो डोज के अलावा तीसरे यानी बूस्टर डोज की शुरुआत भी कुछ देशों में की जा चुकी है.
हाल में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि दो डोज वाली वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं तैयार करती हैं. ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने पाया है कि ओमिक्रॉन के कारण पहले वैक्सीनेशन करवा चुके लोगों में भी संक्रमण बढ़ सकता है.