उत्तर प्रदेश का कन्नौज जिला. यहां सौरिख ब्लॉक में एक गांव पड़ता है बीरपुर. इस गांव में अब तक कई लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है, लेकिन फिर भी ग्रामीण वैक्सीन लगवाने से मना कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां वैक्सीन लगाने पहुंच तो रही है, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते बिना वैक्सीन लगाए ही लौट भी आ रही है. इसी बात से नाराज होकर इस गांव की बिजली काट दी गई. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि बिजली उन्हीं की काटी गई है, जिनका बिल बकाया था. फिर भी ग्रामीणों ने वैक्सीन ना लगवाने पर बिजली काटने का आरोप लगाया है.
दरअसल, बीरपुर गांव में बुधवार को 45 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए कैम्प लगाया गया था. सुबह 10 बजे स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां पहुंच गई थी. लेकिन गांव वाले वैक्सीन लगवाने आ ही नहीं रहे थे. इसके बाद टीम ने घर-घर जाकर लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की, लेकिन फिर भी ग्रामीणों ने उनकी एक नहीं सुनी. इसके बाद टीम ने अधिकारियों को इसके बारे में बताया. फिर यहां के एसडीएम देवेश गुप्ता के साथ प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजहर सिद्दीकी, जिला कृषि अधिकारी राम मिलन सिंह परिहार, एडीओ पंचायत अरविंद राजपूत पहुंचे. अधिकारियों ने भी घर-घर जाकर ग्रामीणों को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी बात भी नहीं सुनी. इससे नाराज होकर एसडीएम ने बीरपुर में बिजली काटने के निर्देश दे दिए. साथ ही कोटेदार को बुलाकर राशन वितरण भी रुकवा दिया.
जब गांव में वैक्सीन ना लगवाने पर बिजली काटने का मामला सामने आया तो अधिकारियों की तरफ से सफाई भी आने लगी. एडीएम गजेंद्र कुमार ने बताया कि 45 साल के ऊपर वाले व्यक्तियों के लिए वैक्सीनेशन का कैम्प लगाया गया था. एसडीएम वहां पर गए थे तो वहां पर लोगों में नकारात्मकता का भाव था और लोग वैक्सीन का विरोध कर रहे थे. एसडीएम ने उन्हें समझाया लेकिन वो नहीं माने. और बिजली के काटने की जो बातें हो रही हैं, वो गलत है. बिजली सिर्फ उन्हीं की काटी गई है जिनका बिल बकाया है.