पाकिस्तान के विदेश मंत्री गुरुवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचे। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी यहां तालिबान में अपने समकक्ष से बातचीत करेंगे। पाकिस्तानी विदेश मंत्री के कार्यालय से बताया गया है कि दुनिया में अलग-थलग पड़ चुके तालिबान के साथ इस मुलाकात में पाकिस्तान के मंत्री कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि काबुल में होने वाली इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्ते विकसित करने पर चर्चा होगी। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा इस बैठक की केंद्रबिंदू में होगा। पाकिस्तानी विदेश मंत्री का यह दौरा एक दिन का है और इस दौरान वो अफगानिस्तान के अन्य हाईप्रोफाइल लोगों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री के साथ देश के मौजूदा आईएसआई चीफ भी होंगे। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद यह उनका दूसरा काबुल दौरा है। पाकिस्तान उन तीन देशों में शुमार है जिसने अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को मान्यता दी है। यूएस पाकिस्तान पर अरसे से आरोप लगाता रहा है कि पिछले दो दशकों से पाकिस्तान अफगानिस्तान में आतंकवादियों को सपोर्ट करता रहा है। यह आतंकवादी यहां पाकिस्तान से मदद हासिल कर नाटो फोर्स से जंग लड़ते थे।
मध्य अगस्त में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगान जाने वाले कुरैशी तीसरे विदेश मंत्री हैं। उनके अलावा कतर और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री वहां जा चुके हैं। इससे पहले रूस ने बुधवार को अफगानिस्तान के मुद्दे पर वार्ता की मेजबानी की, जिसमें तालिबान और पड़ोसी देशों से वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में रूस ने तालिबान को कड़ी चेतावनी दी। रूस ने कहा है कि तालिबान को अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए पड़ोसियों के खिलाफ नहीं होने देना चाहिए। वार्ता की शुरुआत करते हुए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए ऐसी वास्तविक समावेशी सरकार के गठन की आवश्यकता है, जिसमें देश के सभी जातीय समूहों और राजनीतिक दलों के हित की झलक दिखे।