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अग्निपथ’ के विरोध में आज कांग्रेस का सत्याग्रह, राहुल का आग्रह- मेरे जन्मदिन पर न मनाएं जश्न

सशस्त्र बलों में भर्ती (enlistment armed forces) के लिए पेश की गई ‘अग्निपथ’ योजना (‘Agneepath’ scheme) के विरोध में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) रविवार को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह (Satyagraha) करेगी। देशभर में युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और कई शहरों व कस्बों से हिंसा (Violence from cities and towns) की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने जन्मदिन के मौके पर किसी भी तरह का जश्न नहीं मनाने का पार्टी कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से आग्रह किया है।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के सांसद, उसकी कार्य समिति के सदस्य और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी 19 जून को सुबह 10 बजे जंतर मंतर पर शुरू होने वाले ‘सत्याग्रह’ में हिस्सा लेंगे। पार्टी के एक नेता ने कहा, यह निर्णय इसलिए लिया गया, चूंकि क्योंकि ‘अग्निपथ’ योजना ने हमारे देश के युवाओं को आक्रोशित कर दिया है और वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रकट कर रहे हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके साथ खड़े हों।

सांसद राहुल गांधी की तरफ से कांग्रेस महासचिव जमराम रमेश ने जारी की अपील
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों के नाम सांसद राहुल गांधी की तरफ से कांग्रेस महासचिव जमराम रमेश द्वारा जारी अपील में कहा गया है कि “राहुल गांधी ने देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व अपने शुभचिंतकों से अपील की है कि मेरे जन्मदिन के अवसर पर किसी तरह का उत्सव न मनाएं। देशभर में उपजी परिस्थितियों से हम सभी चिंतित हैं। करोड़ों युवाओं का मन दुखी है। हम इन युवाओं की, करोड़ों परिवारों की पीड़ा को साझा करें, उनके साथ खड़े हों।”

पीएम को ‘माफीवीर’ बनना होगा: राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विवादित कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था, ठीक उसी तरह उन्हें युवाओं की मांग को स्वीकार करना होगा और ‘अग्निपथ’ रक्षा भर्ती योजना को वापस लेना पड़ेगा।

राहुल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार लगातार आठ वर्षों से ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का ‘अपमान’ कर रही है। मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे। ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और ‘अग्निपथ’ को वापस लेना ही पड़ेगा।