अंतरराज्यीय सीमा विवाद को लेकर दिए बयान के बाद मिजोरम के एक सांसद के वनलालवेना के खिलाफ असम पुलिस कार्रवाई की तैयारी कर रही है. सांसद ने सार्वजनिक रूप से असम पुलिस को जान से मारने की धमकी जारी की थी. राज्य की पुलिस ने षड्यंत्र किए जाने की बात कही है और सांसद पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाया है. राज्य की पुलिस की एक टीम राज्यसभा सांसद से सवाल-जवाब करने के लिए दिल्ली रवाना हो रही है संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान वनलालवेना ने कहा, ‘200 से ज्यादा पुलिसवाले क्षेत्र में घुसे और उन्होंने हमारे पुलिसकर्मियों को हमारी ही चौकियों से हटा दिया और हमारी तरफ से गोली चलाने से पहले उन्होंने ही पहले गोली चलाने के आदेश दिए थे. वे भाग्यशाली थे कि हमने उन्हें मारा नहीं. अगर वे दोबारा आएंगे, तो हम उन्हें खत्म कर देंगे.’
बुधवार शाम को असम पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी जीपी सिंह ने ट्वीट किया कि घटना के पीछे के षड्यंत्र को लेकर टीम कार्रवाई करने की योजना बना रही है. उन्होंने वनलालवेना के इंटरव्यू का जिक्र करते हुए कहा कि यह षड्यंत्र में उनकी सक्रिय भूमिका के संकेत देते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि सीआईडी समेत कुछ अधिकारियों के टीम दिल्ली रवाना हो रही है. एक अन्य ट्वीट में सिंह ने जानकारी दी कि असम पुलिस ने मिजोरम पुलिस के जवानों समेत स्थानीय लोगों की एक ‘पिक्चर गैलरी’ बनाई है, जिन्होंने उनके जवानों पर गोलीबारी की थी. घटना के दो दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर-पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. वहीं, बुधवार को भी गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने असम और मिजरोम के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. दो घंटों से ज्यादा समय तक चली इस बैठक में अर्धसैनिक बलों की तैनाती को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच हुई हिंसक झड़प में असम पुलिस के 6 जवान और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी. कछार जिले स्थित लाइन रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में बढ़ी झड़प में 45 लोग घायल हो गए थे. इसके बाद दोनों राज्यों ने एक-दूसरे पर हिंसा भड़काने के आरोप लगाए थे. क्षेत्र में शांति स्थापित करने के अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी.