होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किया जाता है। इस वर्ष इस दिन अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है। इन योग को बेहद शुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। भद्रा व राहुकाल के दौरान पूजा-अर्चना करना वर्जित है। होली की पूजा इस शुभ योग में करने से जीवन में सुख, शांति के साथ समृद्धि प्राप्त होती है।
राशि के अनुसार करें पूजा
जीवन में सुख, शांति के साथ समृद्धि पाने के लिए मेष और वृश्चिक राशि के लोग गुड़ की आहुति दें। वृष राशि वाले चीनी की आहुति दें। मिथुन और कन्या राशि के लोग सुख, समृद्धि पाने के लिए कपूर की आहुति दें। वहीं कर्क राशि वाले जातक लोहबान की आहुति दें। सिंह राशि के लोग गुड़ की आहुति देकर मनोकामना पूरी कर सकती है। तुला राशि वाले कपूर की आहुति दें। धनु और मीन राशि के जातक जौ और चना की आहुति देकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करें।मकर व कुंभ राशि के जातक तिल को होलिका दहन में डालें।
अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल – 5:06 PM – 6:37 PM
यम गण्ड – 12:32 PM – 2:03 PM
कुलिक – 3:34 PM – 5:06 PM
दुर्मुहूर्त – 04:59 PM – 05:48 PM
वर्ज्यम् – 01:06 AM – 02:32 AM
होलिका दहन का समय
हिंदू पंचांग के मुताबिक, 28 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात्रि 8 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। अगले दिन रंगों का त्यौहार मनाया जायेगा।