राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के बीच का शीत युद्ध अब तक खत्म नहीं हुआ है. जयपुर में एक कॉलेज के वार्षिक उत्सव में भाग लेते हुए पायलट ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नेताओं को दूसरों को आगे बढ़ने में मदद करनी चाहिए और अपने पद को लेकर असुरक्षित नहीं होना चाहिए.
कांग्रेस विधायक पायलट ने कहा, “नेताओं को असुरक्षा की भावना से ग्रसित नहीं होना चाहिए. उन्हें यह नहीं लगना चाहिए कि अगर कोई और व्यक्ति आगे बढ़ गया तो वो उनकी कुर्सी या उनकी जगह ले लेगा.”
पायलट ने यह तक कह डाला कि पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को चुनाव में टिकट देने के खिलाफ था, लेकिन उनके कहने पर उसे टिकट दिया गया.
पायलट ने कहा, पार्टी आलाकमान अशोक गहलोत के बेटे को टिकट नहीं देना चाहता था, लेकिन मैं राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष था और मैंने राहुल और सोनिया गांधी जी को कहा कि गहलोत नए मुख्यमंत्री बने हैं, और अगर उनके बेटे को टिकट नहीं दिया गया तो वह उनके मनोबल के लिए अच्छा नहीं होगा. तो मेरी बात मानी गई और इस तरह से वैभव गहलोत को लोकसभा के चुनाव के लिए टिकट मिला. हालांकि, वह बड़े मार्जिन से हार गए जबकि तब के एक अन्य मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से टिकट मिला और वह जीत गए.”
वैभव गहलोत के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के जवाब में पायलट ने कहा,” वैभव पहले ही इसके बारे में अपनी बात रख चुके हैं.” कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.