शिव प्रताप शुक्ला हिमाचल प्रदेश के 29वें राज्यपाल होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। हिमाचल प्रदेश के वर्तमान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
शिव प्रताप शुक्ला यूपी के गोरखपुर जिले के रुद्रपुर के रहने वाले हैं। चार बार विधायक, तीन बार केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। शुक्ला ने अपना सियासी सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू किया। उन्होंने अपने राजनीतिक कॅरिअर में बहुत सारे उतार-चढ़ाव भी देखे।
एबीवीपी से भारतीय जनता पार्टी
शुक्ला ने 1989 में आम चुनावों में प्रचार किया और कांग्रेस के सुनील शास्त्री को हराकर उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए। 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार चार बार विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए ।
साल 1989 में पहली बार बने विधायक
शिव प्रताप शुक्ला 1989 में पहली बार गोरखपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक बने। 1991 में वे स्वतंत्र प्रभार मंत्री शिक्षा बने थे। साथ ही उन्हें समाज कल्याण, उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण के साथ-साथ खेल मंत्रालय का भी दायित्व मिला था। साल 1996 में वह प्रदेश सरकार में कारागार मंत्री बने।
उन्हें न्याय और ग्रामीण विकास मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई थी। देश में लगी इमरजेंसी के दौरान उन्हें 26 जून 1975 को जेल भी जाना पड़ा। वे 18 महीने बाद साल 1977 में जेल से छूटे थे। साल 2002 में उन्हें गोरखपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लिए संगठन का काम करना शुरू किया।
राष्ट्रपति ने लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है। लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम, सीपी राधाकृष्णन को झारखंड, गुलाब चंद कटारिया को असम, शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया। वहीं, राष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया।