नो मनी फॉर टेरर (no money for terror) की द्विपक्षीय बैठक के इतर गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने अपने बांग्लादेशी (Bangladesh) समकक्ष असदुज्जमां खान (Asaduzzaman Khan) मुलाकात कर अल्पसंख्यकों और मंदिरों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया.
अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश के हिंदुओं, जैन, ईसाई, सिखों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही मंदिरों पर किए जा रहे हमलों का मुद्दा भी उठाया. सूत्रों ने बताया कि असदुज्जमां खान के साथ मुलाकात के दौरान शाह ने सीमा प्रबंधन एवं सुरक्षा संबंधी साझा मुद्दों पर सार्थक चर्चा की.
गृह मंत्रालय ने क्या कहा?
शाह के ऑफिस ने ट्वीट किया, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘नो मनी फॉर टेरर’ सम्मेलन से इतर बांग्लादेश के गृहमंत्री असदुज्जमां खान से भेंट की. दोनों पक्षों ने सीमा प्रबंधन और सुरक्षा संबंधी साझा मुद्दों पर सार्थक चर्चा की.’’ असदुज्जमां खान आतंकवाद के वित्तपोषण पर नियंत्रण को लेकर आयोजित तीसरे ‘आतंक के लिए कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में भाग लेने दिल्ली आए हैं. गृह मंत्रालय की ओर से यह दो-दिवसीय सम्मेलन शुक्रवार (19 नवंबर) को शुरू हुआ. इसमें 75 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 450 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
अमित शाह ने क्या कहा?
इससे पहले, सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है, लेकिन आतंकवाद का वित्तपोषण ‘उससे कहीं अधिक खतरनाक’ है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और न ही जोड़ा जाना चाहिए. इसके अलावा बताया कि आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को चरमपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए लगातार नए तरीकों की खोज कर रहे हैं.