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विदाई में हुई देरी तो गुस्से में आए दुल्हे ने ससुर पर चलाई गोली

शादी का समारोह ऐसा होता है जो हर घर में खुशी ले आता है। जिस घर में भी शादी हो रही होती है उस घर में हर तरफ सिर्फ खुशियां ही खुशियां होती है। इन खुशियों में शामिल होने के लिए दूर-दूर से रिश्तेदार आते है। शादी के दौरान हर कोई नाच-गा के खुशी मना रहा होता है। राजस्थान के एक घर में भी शादी का माहौल था और हर कोई बेहद खुश था। लेकिन ये खुशी जल्द ही मातम में बदल गई। जहां लोग खुशियां मना रहे वहां कुछ ऐसा हुआ कि पूरे घर में मातम छा गया। मामला राजस्थान के जालोर का है। जहां विदाई में थोड़ी देरी होने पर दूल्हे ने अपने ससुर की गोल मारकर हत्या कर दी। हुआ ये था कि सोमवार के दिन दूल्हा बारात लेकर आया था। जिसके बाद मंगलवार को पूरे रीति-रिवाजों के अनुसार दोनों की शादी की गई। शादी के बाद जब विदाई का समय आया तो दुल्हन पक्ष ने विदाई के लिए गुरूवार का दिन तय किया। जिसके कारण दूल्हे पक्ष के कुछ लोग नाराज हो गए और बहस करने लगे।

नाराज दूल्हे के परिवार के लोग बिना दुल्हन के ही वहां से चले गए। उसके बाद रात करीब 10 बजे दूल्हे के परिवार के लोग एक बार फिर आए और दुल्हन के परिजनों पर हमला कर दिया। हमले में दुल्हन के पिता, मां और उसका भाई बुरी तरह जख्मी हो गए। इलाज के दौरान दुल्हन के पिता की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी दूल्हे समेत 7 और लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक कि रामदेव कॉलोनी की रहने वाली गीता की शादी अशोक उर्फ असीया पुत्र पकाराम भील के साथ तय हुई थी। शादी पूरे रीति-रिवाजों के साथ हुई। लेकिन विदाई के समय दोनों पक्षों में बहस हो गई। दूल्हा पक्ष चाहता था विदाई बुधवार को हो जबकि दूल्हन पक्ष ने इसके लिए गुरूवार का दिन तय किया था। जिसको लेकर नाराज दूल्हे के परिवार ने हमला कर दिया। जिसमें दुल्हन के पिता की मौत हो गई है।

पीड़ित दुल्हन का परिवार मौक गांव का रहने वाला था। इस घटना के बाद से ना सिर्फ दुल्हन के परिवार में बल्कि पूरे गांव में शोक का माहौल है। जहां एक और ढ़ेर सारी खुशियां मनाई जा रही थी। उसी घर में छोटी सी बात को लेकर हुई बहस ने घर की खुशियों को मातम में बदलकर रख दिया। जहां एक लड़की अपने नए जीवन के लिए कई सपने बुनकर बैठी थी वहीं उसके पिता की मौत हो जाना उसके लिए किसी सदमें से कम नहीं होगा। आखिर कैसे कोई व्यक्ति इतनी छोटी सी बात के लिए किसी की हत्या कर सकता है? क्या ये इतनी बड़ी बात थी जो बैठकर बातचीत करके हल नहीं हो सकती थी? क्या सिर्फ विदाई में 1 दिन की देरी किसी की जान की वजह बन सकती है? इतनी छोटी सी बात पर किसी ने अपना पति तो किसी ने अपना पिता खो दिया।