उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी लगातार छोटे दलों से गठबंधन कर रही है। अभी तक इस गठबंधन जयंत चौधरी की रालोद, ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा जैसे कई छोटे दल आ चुके हैं। लखनऊ में आप सांसद संजय सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। गुरूवार को राजा भैया ने मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है। राजा भैया के मुलाकात के बाद सियासी गर्मी बढ़ गयी है।
मुलाकात के बाद राजा भैया ने कहा कि नेता जी मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर मैं हमेशा मिलकर शुभकामनाएं देते रहा हूं। इस बार मैं बाहर था इसलिए जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने नहीं आ पाया था। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से जोड़कर इसे ना देखा जाए इसका कोई अलग से निहितार्थ न निकाला जाये।
बताया जा रहा है कि बीती रात अखिलेश यादव से फोन पर उनकी बात हुई थी। इसके बाद आज उन्होंने लखनऊ में मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों राजा भैया ने कहा था कि उनकी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक यूपी में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा था कि उस सीट से कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी जहां से योगी आदित्यनाथ उम्मीदवार होंगे। मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे राजा भैया पिछले काफी समय से अपनी पार्टी को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। अखिलेश यादव सरकार में प्रभावी रहे राजा भैया के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार से भी नजदीकी की चर्चा सियासी गलियारों में है। समाजवादी पार्टी लगातार छोटे दलों को अपने बैनर तले एकजुट करने में जुटी है। गुरुवार को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से उनकी मुलाकात को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है।
1993 से लगातार विधायक हैं राजा भैया
रधुराज प्रताप सिंह, राजा भैया कुंडा से 1993 से लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं। वह अभी तक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ही चुनाव लड़ते और जीतते रहे हैं। कुंडा की सियासी जमीन में उन्हें अपराजेय माना जाता है। कुछ वर्षों से वे अपनी पार्टी खड़ी करने की कोशिशों में जुटे हैं।
मायावती के मुख्यमंत्री रहते लगा था पोटा
उत्तर प्रदेश में बसपा मुखिया मायावती के शासनकाल के दौरान राजा भैया पर वर्ष 2000 में पोटा के तहत कार्रवाई हुई थी। 2 नवम्बर 2000 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। राजा भैया, उनके पिता और चचेरे भाई पर आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) की धाराएं लगाई गई थीं। तत्कालीन सरकार ने राजा भैया के 600 एकड़ में फैले तालाब को कब्जे में लेकर अभ्यारण्य घोषित कर दिया था।
मुलायम ने हटाया था पोटा, फिर बने मंत्री
अगस्त 2003 में मायावती के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के आधे घंटे बाद ही मुलायम सिंह यादव ने राजा भैया से पोटा हटा लिया था। इसके बाद उनकी मुश्किलें कम होती गईं और बाद में वे मुलायम सिंह सरकार में खाद्यान्न मंत्री बनाए गये।