महिलाओं, बच्चियों की सुरक्षा और बलात्कारियों को सजा दिलाने को लेकर केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बलात्कार पीड़ित महिलाओं और नाबालिग बच्चियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए शीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने निर्णय लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार बड़ी संख्या में फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने वाली है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कि नाबालिग बच्चियों और महिलाओं को रेप के मामलों में न्याय दिलाने के लिए 1,023 फास्ट ट्रैक कोर्ट चलाए जाएंगे। इस योजना में 1,586 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसे 31 मार्च 2023 तक जारी रखा जाएगा।
उन्होंने बताया कि अगले दो वर्षों में तेज गति से फास्ट ट्रैक कोर्ट का निर्माण किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा और बलात्कार की घटनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बुधवार की अहम बैठक हुई। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा है कि नाबालिग बच्चियों से होने वाले यौन अपराधों में जल्द न्याय दिलाने के लिए इन फास्ट ट्रैक कोर्ट्स में से, 389 पॉक्सो कोर्ट हैं।
जल्द मिलेगा पीड़िताओं को इंसाफ
इन फास्ट ट्रैक कोर्ट्स पर होने वाले खर्चों में 971 करोड़ रुपये के करीब केंद्र सरकार वहन करेगी। 601.16 करोड़ रुपये राज्य सरकारों को वहन करना होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना का लक्ष्य यौन अपराधों की शिकार महिलाओं और बच्चियों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। 2018 में क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट में संशोधन कर यौन अपराधों के जघन्य मामलों में दोषियों के मृत्युदंड तक की व्यवस्था की गई थी। फास्ट ट्रैक की यह योजना मार्च 2023 तक जारी रहेगी। केंद्र सरकार की इस पहल से पीड़िताओं को इंसाफ मिल सकेगा।