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मिशन दक्षिण भारत : अमित शाह ने की जूनियर एनटीआर से मुलाकात, राजनीतिक हलचल हुईं तेज

तेलंगाना (Telangana) में मुनुगोड़े विधानसभा सीट (munugode assembly seat) के लिए चुनाव प्रचार (Election Campaign) के दौरान रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने टॉलीवुड सेलिब्रिटी जूनियर एनटीआर (Junior NTR) से मुलाकात की. भाजपा नेताओं ने इसे केवल एक शिष्टाचार भेंट करार दिया और कहा कि शाह ने उनसे सिर्फ इसलिए मुलाकात की, क्योंकि वे आरआरआर स्टार के साथ उनकी ब्लॉकबस्टर फिल्म में उनके प्रदर्शन पर चर्चा करना चाहते थे, वहीं पार्टी सूत्रों ने कहा कि बैठक का एक और मकसद था. भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बैठक में न केवल तेलंगाना के लिए, बल्कि इससे सटे आंध्र प्रदेश के लिए भी कुछ राजनीतिक पहलु थे.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, यह बैठक तेदेपा नेता एन. चंद्रबाबू नायडू के साथ पारिवारिक संबंध रखने वाले जूनियर एनटीआर की प्रशंसा करने के लिए नहीं थी, बल्कि भाजपा इसके जरिए जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण को एक कड़ा संदेश देना चाहती थी. भाजपा नेता ने कहा, ‘दोनों तेलुगु राज्यों में बड़े पैमाने पर इन दोनों अभिनेताओं को पसंद करने वाले लोग हैं. और दोनों आंध्र प्रदेश के ही रहने वाले माने जाते हैं. शाह की जूनियर एनटीआर से मुलाकात का मतलब है कि पार्टी को किसी एक पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और अब उनके पास विकल्प तैयार है.’

इसका तुरंत असर भी हुआ. उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा, ‘कल्याण ने शाह और जूनियर एनटीआर की मुलाकात के तुरंत बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने घोषणा की कि वह टीडीपी (तेदेपा) और वाईएसआरसीपी (वाईएसआर कांग्रेस पार्टी) दोनों से समान दूरी बनाए हुए हैं.’ लेकिन जब कल्याण ने भाजपा को अपना समर्थन देने का वादा किया है, तो इस बैठक की जरूरत क्यों पड़ी?

सूत्र ने बताया, ‘कल्याण अपना रुख टीडीपी की ओर कर रहे थे. 2014 के चुनावों में वे टीडीपी के साथ थे और फिर 2019 में फिर से भाजपा के एक ऐसे दल के रूप में प्रवेश करने के साथ सबकुछ बदल गया, जिसमें टीडीपी सहयोगी के रूप में नहीं थी. उन्होंने दिल्ली में भाजपा के साथ रहने का वादा किया था, लेकिन यह भी कहते रहे कि वह नहीं चाहते कि विपक्षी वोट बंटें और इसी वजह से उनपर विश्वास कम होता गया.’

माना जा रहा है कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकप्रिय अभिनेता जूनियर एनटीआर से संभवत: राजनीति की ओर रुख करने को कहा है, अगर ऐसा होता है तो इससे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजनीति में आमूल-चूल परिवर्तन आ सकता है. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, शाह ने खास तौर से जूनियर एनटीआर से राजनीति में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा, जिसपर अभिनेता ने कहा कि वह ‘विचार करेंगे.’ राष्ट्रीय पार्टी दोनों तेलुगू भाषी राज्यों (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) में मजबूत बनकर उभरने का प्रयास कर रही है और जूनियर एनटीआर के करिश्मा और ‘स्टारपावर’ को देखते हुए उन्हें अपना ट्रंपकार्ड बनाना चाहती है.

विधायक दिवंगत नंदमुरी हरीकिशन के पुत्र जूनियर एनटीआर तेलुगू भाषा के बेहद लोकप्रिय अभिनेता रहे और तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के संस्थापक नंदमुरी तारक रामा राव के पोते हैं. जूनियर एनटीआर को एक समय पर तेदेपा में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई थी, लेकिन चन्द्रबाबु नायडू के पुत्र नारा लोकेश के साथ राजनीतिक अनबन के बाद वह पार्टी से दूर हो गए. भाजपा सूत्रों ने यहां बताया कि शाह और जूनियर एनटीआर के बीच यह ‘रणनीतिक रूप से तय’ बैठक थी जिसमें राजनीति मुख्य एजेंडा रही.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इंगित किया, ‘जूनियर एनटीआर में बहुत ताकत है, उनके प्रशंसकों की संख्या बहुत ज्यादा और विविध है, वह लोगों से जुड़ जाते हैं. उनके सार्वजनिक भाषणों में स्पष्टता होती है और उन्हें राजनीति की गहरी जानकारी है. उन्होंने 2009 चुनावों के दौरान प्रचार में (तेदेपा के लिए) यह साबित भी किया है.’ नेता ने कहा कि यही वजह है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उनके साथ सहयोग करना चाहता है.

हैदराबाद में रविवार को शाह ने जूनियर एनटीआर के साथ रात को भोजन किया था. उस दौरान केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बंदी संजय कुमार और पार्टी के तेलंगाना मामलों के प्रभारी तरुण चुघ भी मौजूद थे. भोजन के बाद शाह और अभिनेता के बीच करीब 20 मिनट लंबी बैठक हुई. हालांकि, सोमवार को किशन रेड्डी ने कहा कि शाह और जूनियर एनटीआर के बीच सिर्फ फिल्मों के बारे में बातचीत हुई, राजनीति पर चर्चा नहीं हुई.