पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष को डराने के लिए भाजपा सीबीआई का बार-बार इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने पुरबा और पश्चिम वर्धमान जिलों की प्रशासनिक समीक्षा बैठक में कहा कि केंद्रीय एजेंसी पशु तस्करी मामले की जांच के नाम पर डॉक्टरों, लिपिकों और यहां तक कि इलेक्ट्रिक रिक्शा के चालकों को भी तलब कर रही है और उन्हें परेशान कर रही है। उन्होंने सभी से इन पर ध्यान न देते हुए अपना काम जारी रखने का आग्रह किया।
ममता बनर्जी केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाती रही हैं। वे अक्सर दावा करती रही हैं कि विपक्ष को परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
सीबीआई कर रही जांच
गौरतलब है कि सीबीआई ने 16 जून को पशु तस्करी मामले की जांच के सिलसिले में एक ई-रिक्शा चालक को तलब किया था। सीबीआई अधिकारियों ने दावा किया है कि प्रभावशाली टीएमसी नेताओं ने मामले में कथित तौर पर इलेक्ट्रिक रिक्शा चालक की सेवाओं का इस्तेमाल किया है। सीबीआई ने मामले के संबंध में कई पत्रकारों और वरिष्ठ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट अभिजीत चौधरी से भी पूछताछ की थी।
समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र की प्रधानमंत्री आवास योजना को ‘बांग्ला आवास योजना’ कहने में कोई बुराई नहीं है क्योंकि उत्तर प्रदेश और गुजरात ने पहले ही कार्यक्रम में राज्यों के नाम जोड़ दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह मेरा अधिकार है। इस दौरान उन्होंने अपने अधिकारियों से योजना के लिए नए लाभार्थियों को सूचीबद्ध नहीं करने के लिए कहा क्योंकि केंद्र ने इसके लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है।
केंद्र पर लगाया आरोप
इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर आवास योजना के लिए धन ना आवंटित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र पैसा कैसे रोक सकता है? हम इस (आवास योजना) परियोजना के लिए 40 प्रतिशत धन भी देते हैं। मुझे यह जानने की जरूरत है कि हमने क्या अपराध किया है। अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक ऐसा नहीं हो रहा है, तब तक किसी भी लाभार्थी का नाम दर्ज न करें। केंद्र के रूप में बांग्ला आवास योजना ने कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है।
इस दौरान ममता बनर्जी ने धान की बिक्री पर नजर रखने को कहा ताकि किसानों को सही मूल्य मिल सके। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को अधिक सक्रिय रहने और यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि काश्तकारों को कोई समस्या न हो। उन्होंने स्थानीय नेताओं से अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों की सेवा पर अतिरिक्त ध्यान देने के लिए कहा और राज्य में सभी जिला परिषदों और पंचायत समितियों को केवल ग्रामीण सड़कों के निर्माण और मरम्मत पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया।
ममता द्वारा जिहाद शब्द का इस्तेमाल करना खतरनाक
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी द्वारा ‘जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल खतरनाक है। उन्होंने 21 जुलाई को भाजपा के खिलाफ जिहाद का आह्वान किया है। हमने सीएए के दौरान जिहाद देखा, हमने चुनाव के बाद की हिंसा में जिहाद देखा। हाल ही में, हमने नूपुर शर्मा विवाद के बीच जिहाद देखा है।
राज्यपाल धनखड़ ने ममता से ‘भाजपा के खिलाफ जिहाद’ वापस लेने को कहा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपनी कथित टिप्पणी को वापस लेने के लिए कहा, जिसमें कहा गया था कि तृणमूल कांग्रेस 21 जुलाई को “भाजपा के खिलाफ जिहाद का दिन” मनाएगी। बनर्जी को लिखे पत्र में धनखड़ ने दावा किया कि इस तरह के “अधिनायकवादी और अलोकतांत्रिक” बयान लोकतंत्र और कानून के शासन के विनाश को चिह्नित करनेवाली घटना या संकेत है।
राज्यपाल ने यह पत्र विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा मंगलवार को आसनसोल में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर दिए गए उनके बयान के लिए संवैधानिक हस्तक्षेप की मांग करने के बाद लिखा था। धनखड़ ने मुख्यमंत्री को लिखा, “आपसे 21 जुलाई, 2022 को भाजपा के खिलाफ ‘जिहाद’ की असंवैधानिक घोषणा को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया जाता है।”
बता दें कि टीएमसी हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती है, क्योंकि 21 जुलाई, 1993 को 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ता एक रैली के दौरान कथित रूप से पुलिस फायरिंग में मारे गए थे। उस वक्त ममता बनर्जी कांग्रेस में थीं और राज्य में माकपा के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा था सत्ता में था।