ड्रग्स की तस्करी करने के दोषी भारत मूल के शख्स को सिंगापुर में फांसी पर लटका दिया गया है. स्थानीय प्रशासन ने कहा कि एक किलोग्राम भांग की तस्करी को दोषी तंगाराजू सुप्पैया को सिंगापुर के चांगी जेल परिसर में फांसी दी गई है. फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से तंगाराजू का परिवार लगातार सिंगापुर के राष्ट्रपति से उसे क्षमा करने की अपील कर रहा था, लेकिन उनकी अपील पर कोई विचार नहीं किया गया.
तंगाराजू की फांसी से पहले ब्रिटिश अरबपति और जिनेवा स्थित ग्लोबल कमीशन ऑन ड्रग पॉलिसी के सदस्य रिचर्ड ब्रैनसन ने सिंगापुर सरकार को निशाने पर लिया. रिचर्ड ब्रैनसन ने अपने ब्लॉग में लिखा कि जब तंगराजू सुप्पैया को अरेस्ट किया गया तब उसके पास से ड्रग्स नहीं मिला. उन्होंने जोर देकर कहा कि सिंगापुर में एक निर्दोष व्यक्ति को मारा जा रहा है.
सिंगापुर में ड्रग्स और नशे को लेकर कड़े कानून
फांसी से पहले सिंगापुर के गृह मंत्रालय ने कहा था कि तंगाराजू का अपराध साबित हो गया था. उसने दो मोबाइल फोन नंबर इस्तेमाल कर ड्रग्स की डिलीवरी की थी. सिंगापुर में ड्रग्स और नशे को लेकर कड़े कानून हैं.
बता दें कि तंगाराजू सुप्पैया को तस्करी के मामले में साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था और 9 अक्टूबर साल 2018 में कोर्ट ने उसे इस मामले में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. तंगाराजू के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसे कोई कानूनी सहायता नहीं दी और न ही उसे तमिल ट्रांसलेटर दिया, जबकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी. ऐसे में उसकी बात को सुना ही नहीं गया.
सिंगापुर पर फांसी की सजा खत्म करने का दबाव
गौरतलब है कि सिंगापुर में तंगाराजू की फांसी को मिलाकर अब तक 12 लोगों को लटकाया जा चुका है. सिंगापुर के पड़ोसी देश थाईलैंड ने ड्रग तस्करी के लिए मौत की सजा को पहले ही खत्म कर दिया था. अब कई देशों और मानवाधिकार संगठनों की ओर से सिंगापुर पर इसका पालन करने के लिए दबाव बढ़ रहा है.