अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने गाजा की स्थिति को लेकर बातचीत की है. नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक इजरायली नेता ने बाइडेन को घटनाओं और इजरायल द्वारा की जा रही कार्रवाई या संभावित कदम की जानकारी दी है (Israel Palestine Conflict in Hindi). बयान के मुताबिक नेतन्याहू ने बाइडन से कहा, ‘हमारे आत्मरक्षा के अधिकार का अमेरिका द्वारा बिनाशर्त दिए गए समर्थन के लिए भी धन्यवाद.’
बयान के मुताबिक बातचीत के दौरान नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया कि इजरायल इसके लिए पूरा प्रयास कर रहा है कि जो हिंसा में शामिल नहीं हैं उन्हें किसी नुकसान से बचाया जाए (Israel Palestine Airstrike). बाइडेन और नेतन्याहू के बीच यह बातचीत शनिवार को इजरायल के हवाई हमले में गाजा सिटी में एक बहुमंजिला इमारत को निशाना बनाए जाने और उसे ध्वस्त करने के कुछ घंट के बाद हुई. इस इमारत में ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ और अन्य मीडिया संस्थानों के कार्यालय थे.
7 मई की शाम से शुरू हुआ विवाद
इजरायल और फलस्तीनियों के बीच जारी विवाद 7 मई की शाम से शुरू हुआ था, जो 10 मई को और बढ़ गया. दरअसल इजरायल के सुप्रीम कोर्ट में जमीन के उस टुकड़े पर केस चल रहा है, जिसकी अधिकतर आबादी फलस्तीनियों की है. कोर्ट ने कहा है कि इस जमीन पर यहूदियों को बसाया जाए, जिसके बाद से फलस्तीनियों में गुस्सा है. हालांकि हिंसा शुरू होने के बाद मामले पर सुनवाई टाल दी गई (Israel Palestine Conflict History). लेकिन यही मुद्दा के कारण बाद में हिंसा भड़क गई.
दोनों ओर से दागे जा रहे रॉकेट
इस बीच शुक्रवार को अल-अक्सा मस्जिद में फलस्तीन वाले इलाके से भी लोग नमाज अदा करने आए थे. ऐसी खबरें थीं कि ये लोग इजरायली पुलिस को एक तरह से चेतावनी देने के लिए यहां आए थे, पुलिस पर पत्थरबाजी की गई और पटाखे फोड़े गए. इसके बाद पुलिस ने मस्जिद में जाकर कार्रवाई की. इस दौरान कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 10 मई की शाम से फलस्तीनियों के चरमपंथी संगठन हमास ने गाजा से इजरायल की ओर रॉकेट दागने शुरु कर दिए. जवाब में इजरायल की ओर से भी गाजा पर रॉकेट दागे गए. जिसके चलते अभी तक कम से कम 130 फलस्तीनी और 10 इजरायली लोगों की मौत हो गई है.