पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी राजनीतिक हलचल लगातार जारी है. सबसे ज्यादा मुश्किल इस वक्त भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खेमे में है, जहां नेता लगातार साथ छोड़ रहे हैं. इस सबके बीच बीते दिन पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी की अगुवाई में पार्टी के विधायकों ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा का मसला उठाया. हालांकि इस मुलाकात के दौरान बीजेपी के करीब दो दर्जन विधायक गायब रहे, जिसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं.
विधानसभा में बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के 50 विधायकों के साथ राज्यपाल से मिले. लेकिन इस वक्त पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीजेपी के 75 विधायक हैं यानी 25 विधायक शुभेंदु अधिकारी के इस शक्ति प्रदर्शन में शामिल नहीं रहे. जो विधायक नहीं पहुंचे उनमें से ज्यादातर उत्तर बंगाल से आते हैं. यहीं पर सवाल उठने लगा कि क्या नदारद विधायक टीएमसी में शामिल होने की मंशा रखते हैं, क्योंकि पिछले कई दिनों से और खासतौर पर मुकुल रॉय के टीएमसी में शामिल होने के बाद से अटकलें बढ़ गई हैं कि बीजेपी के कई विधायक टीएमसी में शामिल हो सकते हैं. जब इसको लेकर शुभेंदु अधिकारी से सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि इसमें सभी लोगों को नहीं बुलाया था.
विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ी भूमिका में नजर आने वाले मुकुल रॉय ने अब भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ दिया है. बीते दिनों ही वह ममता बनर्जी की मौजूदगी में वापस टीएमसी में शामिल हो गए. टीएमसी ने इसका इनाम भी दिया और मुकुल रॉय को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया गया. अब इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी के कई नेता वापस टीएमसी में जा सकते हैं. इनमें राजीब बनर्जी का नाम सबसे आगे चल रहा है, जो चुनाव से पहले ही टीएमसी छोड़ बीजेपी में आए थे. लगातार पार्टी छोड़ रहे नेताओं को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी बयान दिया है. दिलीप घोष का कहना है कि बीजेपी में रहने के लिए त्याग करना होगा, जिन्हें सिर्फ सत्ता चाहिए वो लोग जा सकते हैं.